प्रभु हम पे कृपा करना लिरिक्स Prabhu Hum Pe Kripa Karana Lyrics

प्रभु हम पे कृपा करना लिरिक्स Prabhu Hum Pe Kripa Karana Lyrics Hari Om Sharan Bhajan


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 यह भजन हरी ॐ शरण की सुरीली आवाज में सन्देश देता है की इश्वर हम पर कृपा करे दया करे जिससे जीवात्मा इश्वर के चरण में वास करे। बैकुंठ (स्वर्ग ) यहीं पर है यदि हरी के नाम का सुमिरन किया जाए। हरी का सुमिरन करते हुए हम वीणा के तार की तरह गुन्जेंगे और जीवात्मा के हृदय में आप स्वर बनकर उठो। हे बृज के वासी आप हमें अपनी शरण में ले लो।
प्रभु हम पे कृपा करना,
दया करना,  कृपा करना।
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना,
बैकुंठ तो यहीं है,
हृदय में रहा करना।
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना।

गुन्जेंगे राग बन कर,
वीणा की तार बन के,
प्रगटोगे नाथ मेरे,
ह्रदय में प्यार बन के,
हर रागिनी की धुन पर,
स्वर बन कर उठा करना,
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना।

नाचेंगें मोर बनकर,
हे श्याम तेरे द्वारे,
घनश्याम छाए रहना,
बनकर के मेघ कारे,
अमृत की धार बनकर,
प्यासों पे दया करना,
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना।

तेरे वियोग में हम,
दिन रात हैं उदासी,
अपनी शरण में लेलो,
हे नाथ बृज के वासी,
तुम सो हम शब्द बन कर,
प्राणों में रमा करना,
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना।
प्रभु हम पे कृपा करना,
दया करना,  कृपा करना।
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना,
बैकुंठ तो यहीं है,
हृदय में रहा करना।
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना।


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