तुलसी पंछिन के पिये, घटे न सरीता नीर ।
धर्म किये धन ना घटे, सहाय करे रघुवीर ॥
सांई इतना दिजिये, जा में कुटुंब समाय ।
मै भी भूखा ना रहू, और साधु ना भुखा जाय ॥
दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे ना कोई |
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होई ॥
माला तो कर में फिरे, जिभ फिरे मुख मां ही |
और मनवा तो दस दिसी फिरे, सो तो सुमिरन नाही ॥
सांस सांस पर नाम ले, व्रिथा सांस मत खोई ।
ना जाने उस सांस का, आवन होई न होई ॥
अजपा जाप जपो भाई साधो,
सासों की करलो माला ॥
हाथ सुमरनी बगल कतरनी,
यह क्या रच दियो चाला ।
लोगों के भावे भक्ती कमावे,
सहिब के मुख काला ॥
जब लग दरसे ना सच्चा सांई,
होवे ना घट(जग) उजियारा ।
बिन सतगुरु ताली नाही लागे,
खुले ना भ्रम का ताला ॥
साधो संत की सेवा कर ले,
संतों का देस निराला ।
कहत कबीरा सुनो भाई साधो,
पीलो निर्गुन(अमृत) प्याला ॥
धर्म किये धन ना घटे, सहाय करे रघुवीर ॥
सांई इतना दिजिये, जा में कुटुंब समाय ।
मै भी भूखा ना रहू, और साधु ना भुखा जाय ॥
दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे ना कोई |
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होई ॥
माला तो कर में फिरे, जिभ फिरे मुख मां ही |
और मनवा तो दस दिसी फिरे, सो तो सुमिरन नाही ॥
सांस सांस पर नाम ले, व्रिथा सांस मत खोई ।
ना जाने उस सांस का, आवन होई न होई ॥
अजपा जाप जपो भाई साधो,
सासों की करलो माला ॥
हाथ सुमरनी बगल कतरनी,
यह क्या रच दियो चाला ।
लोगों के भावे भक्ती कमावे,
सहिब के मुख काला ॥
जब लग दरसे ना सच्चा सांई,
होवे ना घट(जग) उजियारा ।
बिन सतगुरु ताली नाही लागे,
खुले ना भ्रम का ताला ॥
साधो संत की सेवा कर ले,
संतों का देस निराला ।
कहत कबीरा सुनो भाई साधो,
पीलो निर्गुन(अमृत) प्याला ॥
Ajapa Jaap Japo | Kabir Bhajan | Vidushi Dr. Ashwini Bhide Deshpande | Live at Bologna, Italy
Ajapa Jaap Japo Bhaee Sado,Saason Kee Dolo Maala
Haath Sumaranee Bagalataaranee,
Yah Kya Rach Diyo Chaal.
Logon Ke Bhaave Bhaktee Kamaave,
Choib Ke Pramukh Kaala
Jab Daunalod Paasase Na Sachcha Saanee,
Hove Na Ghat (Jag) Ujiyaara.
Bin Sataguru Taalee Naaheege,
Khula Na
Saadho Sant Kee Seva Kar Le,
Santon Ka Des Niraala.
Kahat Kabeera Suno Bhaee Saadho,
Peelo Nirgun (Amrt) Pyaala.
Blissful rendition of Saint Kabir's soulful Bhajan 'Ajapa Jaap Japo Bhai Sadho' by Dr. Ashwini Bhide Deshpande at Alma Mater Studiorum - University of Bologna, Italy in 2008. Ashwinitaai went to Bologna for two music concerts as part of an initiative called Suoni dal Mondo (Sounds from the world) organised by the Drama and Performing Arts department of Bologna university (DAMS), in collaboration with Indian Council of Cultural Relations. Raga: Raga Ahiri Todi Composition: Ajapa Jaap Japo Bhai Sadho(Bhajan) Lyrics: Saint Kabir Composer: Dr. Ashwini Bhide Deshpande Vocalist: Vidushi Dr. Ashwini Bhide Deshpande Style: Jaipur-Atrauli Gharana Tanpura and Vocal Support: Saili Oak Tabla: Pt. Vishwanath Shirodkar Harmonium: Smt. Seema Shirodkar
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