जावो नुगरी काया थारो कई गुण गावां

जावो नुगरी काया भजन

आया है सो जाऐगा,  राजा रंक फ़कीर
कोई सिंहासन चढ़ चले कोई बंधे जंजीर।।
ऊंचे महल चुनावते, करते होड़म होड़।
अरे ते मंदिर खाली पड़े, जब गए पलक में छोड़।।
अरे जो उगे सो आथमें,फूले सो कुमलाय ।
अरे जो चुने सो ढही पड़े जन्में सो मरी जाए।।
काल खड़ा सिर ऊपरे, जागो बिराने जीव।
जा का घर है गेल में, तू क्यों सोवे है नचीव।।

जाओ नुगरी काया, थारो कई गुण गावां,
अरे हां हां रे,
कई गुण गांवां, अब थारो कंई जस गांवा,
महल बणाया हंसा रेवानी पाया,
अरे हां हां रे।

काटी लेना घांस बांध लेना टटिया
सोना हंदा महल रूपा हंदा खंबा कठे तो गयो ईणी नगरी को   
राजा अरे हां हां रे,
जाओ नुगरी काया, थारो कई गुण गावां,
अरे हां हां रे,
कई गुण गांवां, अब थारो कंई जस गांवा,
महल बणाया हंसा रेवानी पाया,
अरे हां हां रे।

बालू की भींत अटारी का चढ़ना अरे हां हां रे      
ओछे से प्रीत कटारी का मरना अरे हां हां रे,
जाओ नुगरी काया, थारो कई गुण गावां,
अरे हां हां रे,
कई गुण गांवां, अब थारो कंई जस गांवा,
महल बणाया हंसा रेवानी पाया,
अरे हां हां रे।

गादी गलीचा थारा धरिया रे महल में अरे हां हां रे
एक दिन जलेगा काया लकड़ी का संग में अरे हां हां रे,
जाओ नुगरी काया, थारो कई गुण गावां,
अरे हां हां रे,
कई गुण गांवां, अब थारो कंई जस गांवा,
महल बणाया हंसा रेवानी पाया,
अरे हां हां रे।

कहें हो कबीर साहेब जुग जुग जीवणां अरे हां हां रे,
घणी ममता ने मार भसम कर पीवणा अरे हां हां रे,
जाओ नुगरी काया, थारो कई गुण गावां,
अरे हां हां रे,
कई गुण गांवां, अब थारो कंई जस गांवा,
महल बणाया हंसा रेवानी पाया,
अरे हां हां रे।

घणो रिझायो हो दीवानी || Ghano Rijhayo || Kabir Bhajan

Aaya Hai So Jaaiga,  Raaja Rank Fakir
Koi Sinhaasan Chadh Chale Koi Bandhe Janjir..
unche Mahal Chunaavate, Karate Hodam Hod.
Are Te Mandir Khaali Pade, Jab Gae Palak Mein Chhod..
Are Jo Uge So Aathamen,phule So Kumalaay .
Are Jo Chune So Dhahi Pade Janmen So Mari Jae..
Kaal Khada Sir upare, Jaago Biraane Jiv.
Ja Ka Ghar Hai Gel Mein, Tu Kyon Sove Hai Nachiv..

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