दागी वही लगा रहे दाग को

दागी वही लगा रहे दाग को

 
दागी वही लगा रहे दाग को Daagi Wahi Laga Rahe Daag Ko Lyrics

दागी वही लगा रहे दाग को हम सदा से बेदागी हैं
हरी हरी।

रंदे हुए को हम नही रांधे न शास्त्र से खीगे साधें
अपने सर पे हम नही बाँधे,
इस बेशर्मी की पाग को इस पाग से बैपागी हैं
हरी हरी।
दागी वही लगा रहे दाग को हम सदा से बेदागी हैं
हरी हरी।

कर्म करे न अकरम खेते, पुन: पाप में पग नही देते,
लोग दिखावा हम नही लेते, इस दुनियाँ,
के त्याग को इस त्याग से बेत्यागी हैं
हरी हरी।
दागी वही लगा रहे दाग को हम सदा से बेदागी हैं
हरी हरी।

न्यारे जग से होए चुके हैं, दाग जिगर के धोय चुके हैं,
अब हम सारी खोये चुके हैं,
इस जन्म मरण की लाग को,
इस लाग से बैलागी हैं, हरी हरी,
दागी वही लगा रहे दाग को हम सदा से बेदागी हैं
हरी हरी।

मूल मन्त्र के हम माते हैं, प्रेम नदी निस दिन नहाते हैं,
सम्भु दास हम नही गाते हैं इस मिथ्या फजूल राग को,
इस राग से बैरागी है हरी हरी,
दागी वही लगा रहे दाग को हम सदा से बेदागी हैं
हरी हरी। 
 

दागी वही लगा रहे दाग को हम सदा से बेदागी हैं (are dagi vhi lga rhe dag ko)

Daagee Vahee Laga Rahe Daag Ko Ham Sada Se Bedaagee Hain
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