यह पद प्रातः काल श्री ठाकुरजी को जगाने से पहले गाया जा सकता है। श्रीमहाप्रभुजी के पद, गुसाँई जी के पद फिर श्रीयमुनाजी के पद गाये जाने का क्रम रहता है।
तिहारो दरस मोहे भावे श्री यमुना जी,
श्री गोकुल के निकट बहत हो,
लहरन की छवि आवे।
सुख देनी दुख हरणी श्री यमुना जी,
जो जन प्रात उठ न्हावे,
मदन मोहन जू की खरी प्यारी,
पटरानी जू कहावै।
वृन्दावन में रास रच्यों है,
मोहन मुरली बजावे,
सूरदास प्रभु तिहारे मिलन को,
वेद विमल जस गावै।
श्री गोकुल के निकट बहत हो,
लहरन की छवि आवे।
सुख देनी दुख हरणी श्री यमुना जी,
जो जन प्रात उठ न्हावे,
मदन मोहन जू की खरी प्यारी,
पटरानी जू कहावै।
वृन्दावन में रास रच्यों है,
मोहन मुरली बजावे,
सूरदास प्रभु तिहारे मिलन को,
वेद विमल जस गावै।
Tihaaro Daras Mohe Bhaave Shree Yamuna Jee,
Shree Gokul Ke Nikat Bahat Ho,
Laharan Kee Chhavi Aave.
Sukh Denee Dukh Haranee Shree Yamuna Jee,
Jo Jan Praat Uth Nhaave,
Madan Mohan Joo Kee Kharee Pyaaree,
Pataraanee Joo Kahaavai.
Vrndaavan Mein Raas Rachyo He,
Mohan Muralee Bajaave,
Sooradaas Prabhu Tihaare Milan Ko,
Ved Vimal Jas Gaavai.
Tiharo daras mohe bhave, yamunaji, pushtimarg
पुष्टि मार्ग के अन्य पदलहरें ले रही यमुना मैय़ा श्री वृन्दावन में,
श्री वृन्दावन में, श्री वृन्दावन में,
बृज रज की चमक, तेरे जल की धमक ,
फूल रही फुलवारी तेरे तटवन में।
लिये हाथन माल मोर पंख सोहै भाल,
देख्यों ऐसो ही रूप वल्लभीयन में,
सूरदास पद गायो महाप्रभु जी बतायो,
दास कर राखो मोहे निज चरणनन में॥
झूला तो डाल्या श्री वृन्दावन बाग में जी,
राधा ने झूला डारो ,रेशम डोर को जी
एजी कोई डारो हे जमूना बाग,
लम्बे लम्बे झोटा झूले रानी राधिका जी,
एजी कोई श्याम सुनावे मुरली राग,
सखियाँ झुलावे भैना हिलमिल प्रेम से जी,
एजी कोई गावें गीत सुहाग,
राधे की चोटी ऐसे देखो उडी रही जी,
एजी कोई जैसे होय करो नाग।
जय श्री वल्लभ, जय श्री विट्ठल, जय यमुना श्रीनाथ जी।
कलियुग का तो जीव उद्धारया, मस्तक धरिया हाथ जी॥
मोर मुकुट और काने कुण्डल, उर वैजयन्ती माला जी,
नासिका गज मोती सोहे, ए छबि जोवा जइये जी॥
आसपास तो गउ बिराजै, गवाल मण्डली साथे जी।
मुख थी वालों वेणु बजावे, ए छबि जोवा जइये जी॥
वल्लभ दुर्लभ जग में गाये, तो भवसागर तर जायें जी।
माधवदास तो इतना मांगें, जन्म गोकुल में पाएं जी॥
जय श्री गिरिधर, जय श्री गोविन्द, जय श्री बालकृष्ण जी।
जय श्री गोकुलपते, जय श्री रघुपति,
जय श्री यदुपति, जय श्री घनश्याम जी॥
श्री गोकुलवारे नाथ जी, मेरी डोर तुम्हारे नाथ जी।
जय यमुना श्री गोवर्धन नाथ, महाप्रभु श्री विट्ठलनाथ॥
जय जय श्री गोकुलेश, शेष ना रहे क्लेश।
श्री वल्लभ जुग जुग राज करो श्री विट्ठल जुग जुग राज करो।
श्री वल्लभ विट्ठल गोपीनाथ, देवकी नन्दन श्री रघुनाथ।
श्री यशोदानन्दन नन्दकिशोर, श्री मुरलीधर माखनचोर।
सूरदास कृष्णदास जी, परमानन्ददास कुंभन दास जी।
चतुर्भुज नन्ददास जी, छीतस्वामी शी गोविन्द जी।
श्री वल्लभ देव की जय, प्राणप्यारे की जय।
श्री गोवर्धन नाथ की जय, चौरासी वैष्णव की जय।
दो सो बावन भगवदीयन की जय, अष्टसखान की जय।
समस्त वल्लभकुल की जय, समस्त वैष्णवन की जय।
श्री वृन्दावन में, श्री वृन्दावन में,
बृज रज की चमक, तेरे जल की धमक ,
फूल रही फुलवारी तेरे तटवन में।
लिये हाथन माल मोर पंख सोहै भाल,
देख्यों ऐसो ही रूप वल्लभीयन में,
सूरदास पद गायो महाप्रभु जी बतायो,
दास कर राखो मोहे निज चरणनन में॥
झूला तो डाल्या श्री वृन्दावन बाग में जी,
राधा ने झूला डारो ,रेशम डोर को जी
एजी कोई डारो हे जमूना बाग,
लम्बे लम्बे झोटा झूले रानी राधिका जी,
एजी कोई श्याम सुनावे मुरली राग,
सखियाँ झुलावे भैना हिलमिल प्रेम से जी,
एजी कोई गावें गीत सुहाग,
राधे की चोटी ऐसे देखो उडी रही जी,
एजी कोई जैसे होय करो नाग।
जय श्री वल्लभ, जय श्री विट्ठल, जय यमुना श्रीनाथ जी।
कलियुग का तो जीव उद्धारया, मस्तक धरिया हाथ जी॥
मोर मुकुट और काने कुण्डल, उर वैजयन्ती माला जी,
नासिका गज मोती सोहे, ए छबि जोवा जइये जी॥
आसपास तो गउ बिराजै, गवाल मण्डली साथे जी।
मुख थी वालों वेणु बजावे, ए छबि जोवा जइये जी॥
वल्लभ दुर्लभ जग में गाये, तो भवसागर तर जायें जी।
माधवदास तो इतना मांगें, जन्म गोकुल में पाएं जी॥
जय श्री गिरिधर, जय श्री गोविन्द, जय श्री बालकृष्ण जी।
जय श्री गोकुलपते, जय श्री रघुपति,
जय श्री यदुपति, जय श्री घनश्याम जी॥
श्री गोकुलवारे नाथ जी, मेरी डोर तुम्हारे नाथ जी।
जय यमुना श्री गोवर्धन नाथ, महाप्रभु श्री विट्ठलनाथ॥
जय जय श्री गोकुलेश, शेष ना रहे क्लेश।
श्री वल्लभ जुग जुग राज करो श्री विट्ठल जुग जुग राज करो।
श्री वल्लभ विट्ठल गोपीनाथ, देवकी नन्दन श्री रघुनाथ।
श्री यशोदानन्दन नन्दकिशोर, श्री मुरलीधर माखनचोर।
सूरदास कृष्णदास जी, परमानन्ददास कुंभन दास जी।
चतुर्भुज नन्ददास जी, छीतस्वामी शी गोविन्द जी।
श्री वल्लभ देव की जय, प्राणप्यारे की जय।
श्री गोवर्धन नाथ की जय, चौरासी वैष्णव की जय।
दो सो बावन भगवदीयन की जय, अष्टसखान की जय।
समस्त वल्लभकुल की जय, समस्त वैष्णवन की जय।
Track : Tiharo daras mohe bhave
Album : yamunaji ke pad
artist : bhagwati prasadji
composition : Surdasji
lyrics : traditional
Album : yamunaji ke pad
artist : bhagwati prasadji
composition : Surdasji
lyrics : traditional
Lahrein le rahi Yamuna Maiya Shri Vrindavan mein,
Shri Vrindavan mein, Shri Vrindavan mein.
Brij raj ki chamak, tere jal ki dhamak,
Phool rahi phulwari tere tatvan mein.
Liye haathon maal, mor pankh sohai bhala,
Dekhyo aiso hi roop Vallabhiyan mein,
Surdas pad gayo, Mahaprabhu ji batayo,
Das kar rakho mohe nij charanan mein.
Jhoola to daalya Shri Vrindavan baag mein ji,
Radha ne jhoola daaro, resham dor ko ji.
Eji koi daaro hey Yamuna baag,
Lambe lambe jhota jhule Rani Radhika ji.
Eji koi Shyam sunave murli raag,
Sakhiyan jhulave bhaina hilmil prem se ji,
Eji koi gaaven geet suhag,
Radhe ki choti aise dekho udi rahi ji,
Eji koi jaise hoy karo naag.
Jay Shri Vallabh, Jay Shri Vittal, Jay Yamuna Shrinath ji.
Kaliyug ka to jeev uddaraya, mastak dhariya haath ji.
Mor mukut aur kaane kundal, ur Vaijayanti mala ji,
Nasika gaj moti sohe, e chhabi jova jaiye ji.
Aas paas to gau birajai, gawal mandali saath ji.
Mukh thi valon venu bajave, e chhabi jova jaiye ji.
Vallabh durlabh jag mein gaaye, to bhavsagar tar jaye ji.
Madhavdas to itna maange, janm Gokul mein paaye ji.
Jay Shri Giridhar, Jay Shri Govind, Jay Shri Baalkrishna ji.
Jay Shri Gokulpate, Jay Shri Raghupati,
Jay Shri Yadupati, Jay Shri Ghanashyam ji.
Shri Gokulware Nath ji, meri dor tumhare Nath ji.
Jay Yamuna Shri Govardhan Nath, Mahaprabhu Shri Vittalnath.
Jay Jay Shri Gokulesh, shesh na rahe klesh.
Shri Vallabh jug jug raj karo, Shri Vittal jug jug raj karo.
Shri Vallabh Vittal Gopinath, Devki Nandan Shri Raghunath.
Shri Yashodanandan Nandkishor, Shri Murli Dhar Makhanchor.
Suradas Krishnadas ji, Paramananddas Kumbhandas ji.
Chaturbhuj Nanddas ji, Chheetswami Shri Govind ji.
Shri Vallabh Dev ki jay, Pranpyare ki jay.
Shri Govardhan Nath ki jay, Chaurasi Vaishnav ki jay.
Do so baavan Bhagvadīyan ki jay, Ashtasakhan ki jay.
Samast Vallabhkul ki jay, Samast Vaishnavan ki jay.
Shri Vrindavan mein, Shri Vrindavan mein.
Brij raj ki chamak, tere jal ki dhamak,
Phool rahi phulwari tere tatvan mein.
Liye haathon maal, mor pankh sohai bhala,
Dekhyo aiso hi roop Vallabhiyan mein,
Surdas pad gayo, Mahaprabhu ji batayo,
Das kar rakho mohe nij charanan mein.
Jhoola to daalya Shri Vrindavan baag mein ji,
Radha ne jhoola daaro, resham dor ko ji.
Eji koi daaro hey Yamuna baag,
Lambe lambe jhota jhule Rani Radhika ji.
Eji koi Shyam sunave murli raag,
Sakhiyan jhulave bhaina hilmil prem se ji,
Eji koi gaaven geet suhag,
Radhe ki choti aise dekho udi rahi ji,
Eji koi jaise hoy karo naag.
Jay Shri Vallabh, Jay Shri Vittal, Jay Yamuna Shrinath ji.
Kaliyug ka to jeev uddaraya, mastak dhariya haath ji.
Mor mukut aur kaane kundal, ur Vaijayanti mala ji,
Nasika gaj moti sohe, e chhabi jova jaiye ji.
Aas paas to gau birajai, gawal mandali saath ji.
Mukh thi valon venu bajave, e chhabi jova jaiye ji.
Vallabh durlabh jag mein gaaye, to bhavsagar tar jaye ji.
Madhavdas to itna maange, janm Gokul mein paaye ji.
Jay Shri Giridhar, Jay Shri Govind, Jay Shri Baalkrishna ji.
Jay Shri Gokulpate, Jay Shri Raghupati,
Jay Shri Yadupati, Jay Shri Ghanashyam ji.
Shri Gokulware Nath ji, meri dor tumhare Nath ji.
Jay Yamuna Shri Govardhan Nath, Mahaprabhu Shri Vittalnath.
Jay Jay Shri Gokulesh, shesh na rahe klesh.
Shri Vallabh jug jug raj karo, Shri Vittal jug jug raj karo.
Shri Vallabh Vittal Gopinath, Devki Nandan Shri Raghunath.
Shri Yashodanandan Nandkishor, Shri Murli Dhar Makhanchor.
Suradas Krishnadas ji, Paramananddas Kumbhandas ji.
Chaturbhuj Nanddas ji, Chheetswami Shri Govind ji.
Shri Vallabh Dev ki jay, Pranpyare ki jay.
Shri Govardhan Nath ki jay, Chaurasi Vaishnav ki jay.
Do so baavan Bhagvadīyan ki jay, Ashtasakhan ki jay.
Samast Vallabhkul ki jay, Samast Vaishnavan ki jay.
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Author - Saroj Jangir
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