मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में लिरिक्स Man Lagyo Mero Yaar Fakiri Me Lyrics Rajasthani Bhajan

मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में Man Lagyo Mero Yaar Fakiri Me  Rajasthani Bhajan

बहुत ही सुन्दर 'कबीर भजन' जिसे स्वर दिया है सतीश देहरा जी ने और इसके निर्माता हैं केसी मालू जी। इस भजन में कुछ राजस्थानी भाषा के शब्दों का उपयोग हुआ है जिनका हिंदी अर्थ निचे दिया गया है। भजन का मूल भाव है की जब जीवात्मा का हृदय सच्ची भक्ति में लग जाता है तो सम्पूर्ण संसार ही उसकी जागीर बन जाता है।  जीवन यापन के लिए वह एक तुम्बी और सोटा अपने पास रखता है। सब्र और निष्ठा से एक रोज उसे साहेब की प्राप्ति होती है।
 
मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में लिरिक्स Man Lagyo Mero Yaar Fakiri Me Lyrics Rajasthani Bhajan

मन लाग्यो मेरो यार, ओ फकीरी में,
यार फकीरी में,
मन लाग्यो मेरो यार, यार फकीरी में।
यार फकीरी में,
मन लाग्यो मेरो यार, मन लाग्यो मेरो यार।


हाथ में तूम्बी, बगल में सोटा,
चारों ही कूंट जागीरी में,
मन लाग्यो मेरो यार,
मन लागो मेरे यार फकीरी में,
मन लाग्यो मेरो यार, मन लाग्यो मेरो यार।

भली बुरी सब का सुण लीजे,
कर गुजरान गरीबी में, हो गरीबी में,
मन लाग्यो मेरो यार,
मन लागो मेरे यार फकीरी में,
मन लाग्यो मेरो यार, मन लाग्यो मेरो यार।

आखिर यह तन ख़ाक मिलेगा,
क्यों फिरता है मगरूरी में,
मन लाग्यो मेरो यार,
मन लागो मेरे यार फकीरी में,
मन लाग्यो मेरो यार, मन लाग्यो मेरो यार।

कहत कबीर सुणो भाई साधो,
'साहिब' मिलेगा सबूरी में,
मन लाग्यो मेरो यार,
मन लागो मेरे यार फकीरी में,
मन लाग्यो मेरो यार, मन लाग्यो मेरो यार। 

मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में शब्दार्थ

मन लाग्यो मेरो यार : मेरा मन फ़कीरी में लग गया है।
यार : मित्र
हाथ में तूम्बी : हाथ में अब तुम्बी (एक छोटा पात्र जो लकड़ी का होता है जिसमे साधू संत अपने खाने पीने की वस्तुओं को सुरक्षित रखते हैं )
बगल -एक तरफ,
सोटा -एक छोटी लकड़ी।
चारों ही कूंट - चारों दिशाओं।
जागीरी में- जागिरि से आशय है की समस्त जगत मेरा है।
भली बुरी -नेकी और बुराई।
सब का सुण लीजे-सभी की सुन लो।
कर गुजरान गरीबी में-गरीबी में अपना गुजारा करो /आवश्यकता से अधिक धन का संचय मत करो और मोह (रिश्ते नाते, देश प्रदेश ) से दूर रहो।
आखिर यह तन ख़ाक मिलेगा- एक रोज़ आखिर में यह तन मिटटी में मिल जाएगा। ख़ाक-मिट्टी।
क्यों फिरता है मगरूरी में-व्यर्थ ही घमंड में क्यों फिर रहे हो (मगरूरी-अहंकार )
कहत कबीर सुणो भाई साधो-कबीर साहेब वाणी देते हैं की सुनों भाई साधो (साधक)
'साहिब' मिलेगा सबूरी में-परम पूर्ण ब्रह्म (ईश्वर ) तो सब्र और सादगी से प्राप्त होगा।  


Man Lago Mero Yaar Fakiri Mein | लोक भजन | Best Rajasthani Bhajan | Lok Bhajan | Veena Music


Man Laagyo Mero Yaar, O Phakeeree Mein,
Yaar Phakeeree Mein,
Man Laagyo Mero Yaar, Yaar Phakeeree Mein.
Yaar Phakeeree Mein,
Man Laagyo Mero Yaar, Man Laagyo Mero Yaar.

Haath Mein Toombee, Bagal Mein Sota,
Chaaron Hee Koont Jaageeree Mein,
Man Laagyo Mero Yaar,
Man Laago Mere Yaar Phakeeree Mein,
Man Laagyo Mero Yaar, Man Laagyo Mero Yaar.

Bhalee Buree Sab Ka Sun Leeje,
Kar Gujaraan Gareebee Mein, Ho Gareebee Mein,
Man Laagyo Mero Yaar,
Man Laago Mere Yaar Phakeeree Mein,
Man Laagyo Mero Yaar, Man Laagyo Mero Yaar.

Aakhir Yah Tan Khaak Milega,
Kyon Phirata Hai Magarooree Mein,
Man Laagyo Mero Yaar,
Man Laago Mere Yaar Phakeeree Mein,
Man Laagyo Mero Yaar, Man Laagyo Mero Yaar.

Kahat Kabeer Suno Bhaee Saadho,
Saahib Milega Sabooree Mein,
Man Laagyo Mero Yaar,
Man Laago Mere Yaar Phakeeree Mein,
Man Laagyo Mero Yaar, Man Laagyo Mero Yaar.
 
Song Name: Man Lagyo Mero Yaar Fakiri Mein
Album Name: Jag Musafir
Singer: Satish Dehra, Chorus
Music Director: Satish Dehra
Producer: K.C. Maloo
Label: Veena Music
Copyright: Oriental Audio Visual Electronics
Release Date: 1-Jul-2006

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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