वीणा वादिनी ज्ञान की देवी अपनी दया बरसा देना
बिना ज्ञान के जीवन अन्धकार मय होता है। माता सरस्वती आपको बुद्धि का वरदान देकर आपके जीवन में सफलताओं के द्वार खोले, बसंत पंचमी के अवसर पर ऐसी कामना है। अज्ञान को समाप्त कर आपकी जीवन में सरस्वती माता ज्ञान की ज्योत जलाए।
अपनी दया बरसा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ,
ज्ञान की ज्योति जगा देना।
वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी,
अपनी दया बरसा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ,
ज्ञान की ज्योति जगा देना।
तू सारे संगीत सँवारे,
रागों में आभास तेरा,
साँसों की आवाज तुझी से,
सारे सुरों में वास तेरा,
राग रागिनी मेरी सरगम,
इनको और खिला देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ,
ज्ञान की ज्योति जगा देना।
ग्रंथों के हर एक पन्ने पर,
तू ही शब्द सजाती है,
कलम थमा के तू कवियों से,
प्यारे लिखाती है,
प्यारें लिखाती है,
चलती रहे मेरी लेखनी,
इतना योग्य बना देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ,
ज्ञान की ज्योति जगा देना।
तेरी कृपा से कला निखरती,
रंग खिले तस्वीरों में,
तू सतरंगी जीवन कर दे,
रंग भरे तक़दीरों में,
जग में ऊँचा नाम रहे माँ,
ऐसी युक्ति लगा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ,
ज्ञान की ज्योति जगा देना।
जब जब बोलूँ कोई वाणी,
अमृत की बौछार लगे,
मधुर वचन हर मन को भाए,
वीणा की झंकार लगे,
कंठ बसों हे मात शारदे,
मीठे बोल सिखा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ,
ज्ञान की ज्योति जगा देना।
बसंत पंचमी स्पेशल : नॉनस्टॉप सरस्वती माता जी के भजन Nonstop Saraswati Mata Bhajan | सरस्वती पूजा
Veena Vaadinee, Gyaan Kee Devee,
Apanee Daya Barasa Dena,
Mere Sar Par Haath Dharo Maan,
Gyaan Kee Jyoti Jaga Dena.
Veena Vaadinee, Gyaan Kee Devee,
Apanee Daya Barasa Dena,
Mere Sar Par Haath Dharo Maan,
Gyaan Kee Jyoti Jaga Dena.
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ..
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे
हम है अकेले, हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी
वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानी
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे
मनसे हमारे मिटाके अँधेरे,
हमको उजालों का संसार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें।
|