तूँ तूँ करता तूँ भया हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

तूँ तूँ करता तूँ भया हिंदी मीनिंग Tu Tu Karata Tu Bhaya Hindi Meaning Kabir Dohe Hindi Arth Sahit, Kabir Dohe Hindi Me Bhavarth

तूँ तूँ करता तूँ भया, मुझ मैं रही न हूँ।
वारी फेरी बलि गई, जित देखौं तित तूँ
 
तूँ तूँ करता तूँ भया हिंदी मीनिंग

Tu Tu Karta Tu Bhaya Kabir Doha Hindi Meaning


कबीर दोहा शब्दार्थ Kabir Doha Word Meaning.
तूँ -राम (पूर्ण परम ब्रह्म )
तूँ भया- स्वंय ईश्वर भया।
हूँ-अहम / स्वंय के होने का भाव।
वारी- आवागमन।
फेरी- समाप्त हो गया।
बलि गई- बलि चढ़ जाना/समाप्त हो जाना।
जित- जिधर।
देखौं- देखता हूँ।
तित तूँ - वहीँ पर आप (ईश्वर )

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग -साधक ईश्वर के नाम का सुमिरण करते करते स्वंय प्रभु में एकाकार हो गया है, उसका स्वतंत्र अस्तित्व समाप्त हो गया है। ऐसी अवस्था में उसके होने का अस्तित्व (हूँ ) समाप्त हो गया है।

भक्ति की प्रारम्भिक अवस्था में तू का भाव था जहाँ ईश्वर और साधक का अस्तित्व पृथक पृथक था, लेकिन अब साधक का अस्तित्व समाप्त हो गया है। कबीर साहेब ने बड़े ही सुन्दर तरीके से बताया है की सुमिरण की शक्ति कितनी अधिक है। सतत सुमिरण करके जीवात्मा परमात्मा में एकाकार हो जाती है। ग़ौर करने वाली बात है की कबीर साहेब ने समस्त प्रचलित लोकाचार, कर्मकांड, तीर्थ और आडंबरों को नकारते हुए, मात्र सुमिरण को ही सर्वश्रेष्ठ बताया है। मात्र हरी के नाम के सुमिरण से भी जीवात्मा भव सागर से पार हो सकती है।
यही सुमिरण की शक्ति है। इस साखी की ही भाँती कबीर साहेब ने वाणी दी है की " लाली मेरे लाल की, जित देखूँ तित लाल | लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल " 

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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1 टिप्पणी

  1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद