ये रिश्ता क्या कहलाता है लिरिक्स Ye Rishta Kya Kahlaata Hai Lyrics
ये रिश्ता क्या कहलाता है लिरिक्स Ye Rishta Kya Kahlaata Hai Lyrics
शब्द नही जो बोल सकू,
ये रिश्ता क्या कहलाता है ।
शब्द नही जो बोल सकू,
ये रिश्ता क्या कहलाता है ।
मैं तो इतना जानू मेरा,
श्याम से गहरा नाता है ।
शब्द नही जो....
1.
ये मुझे जाने ये पहचाने
क्या हूं मैं और कैसा हूं
श्याम के मन को जो भाता है
मैं तो बिलकुल वैसा हूं
इसीलिए तो...
इसीलिए तो मुझपर अपना
जमकर प्यार लुटाता है
शब्द नही जो....
2.
कितना मेरा ख्याल ये रखता
आई आफत टाल रहा
चोट बच्चो के जैसे ही
मुझको श्याम सम्भाल रहा
कभी कभी....
कभी कभी चुपके से मुझको
देख देख मुस्काता है
शब्द नही जो....
3.
अपना सब कुछ सौंप दिया है
मैने श्याम के हाथों में
दिल मेरा गद गद हो जाता
श्याम प्रभु की बातों में
श्याम ही मेरा....
श्याम ही मेरा इष्टदेव है
श्याम ही भाग्य विधाता है
शब्द नही जो....
4.
तार से तार जुड़े है दिल के
गर्व से कहता है "बिन्नु"
श्याम प्रभु की छत्र छाया में
मैं तो हर पल रहता हूं
भर भर प्याला....
भर भर प्याला श्याम सुधा का
मुझको श्याम पिलाता है
शब्द नही जो....
मैं तो इतना जानू मेरा,
श्याम से गहरा नाता है ।
शब्द नही जो बोल सकू,
ये रिश्ता क्या कहलाता है ।
ये रिश्ता क्या कहलाता है ।
शब्द नही जो बोल सकू,
ये रिश्ता क्या कहलाता है ।
मैं तो इतना जानू मेरा,
श्याम से गहरा नाता है ।
शब्द नही जो....
1.
ये मुझे जाने ये पहचाने
क्या हूं मैं और कैसा हूं
श्याम के मन को जो भाता है
मैं तो बिलकुल वैसा हूं
इसीलिए तो...
इसीलिए तो मुझपर अपना
जमकर प्यार लुटाता है
शब्द नही जो....
2.
कितना मेरा ख्याल ये रखता
आई आफत टाल रहा
चोट बच्चो के जैसे ही
मुझको श्याम सम्भाल रहा
कभी कभी....
कभी कभी चुपके से मुझको
देख देख मुस्काता है
शब्द नही जो....
3.
अपना सब कुछ सौंप दिया है
मैने श्याम के हाथों में
दिल मेरा गद गद हो जाता
श्याम प्रभु की बातों में
श्याम ही मेरा....
श्याम ही मेरा इष्टदेव है
श्याम ही भाग्य विधाता है
शब्द नही जो....
4.
तार से तार जुड़े है दिल के
गर्व से कहता है "बिन्नु"
श्याम प्रभु की छत्र छाया में
मैं तो हर पल रहता हूं
भर भर प्याला....
भर भर प्याला श्याम सुधा का
मुझको श्याम पिलाता है
शब्द नही जो....
मैं तो इतना जानू मेरा,
श्याम से गहरा नाता है ।
शब्द नही जो बोल सकू,
ये रिश्ता क्या कहलाता है ।
क्या बतलाऊँ दुनिया को, ये रिश्ता क्या कहलाता है,
मैं तो इतना जानूँ मेरा श्याम से गहरा नाता है,
क्या बतलाऊँ दुनिया को, ये रिश्ता क्या कहलाता है।
ये मुझे जाने, ये पहचाने, क्या हूँ मैं और कैसा हूँ,
श्याम के दिल के जो भाता है मैं तो बिलकुल वैसा हूँ,
इसीलिए तो मुझ पर अपना जमकर लुटाता है,
क्या बतलाऊँ दुनिया को, ये रिश्ता क्या कहलाता है।
अपना सब कुछ सौंप दिया है मैंने श्याम के हाथों में
दिल ये मेरा खो जाता है श्याम प्रभु की बातों में
श्याम ही मेरा ईष्ट देव है श्याम ही भाग्य विधाता है
क्या बतलाऊँ दुनिया को, ये रिश्ता क्या कहलाता है।
कितना मेरा ध्यान ये रखता बिन्नू गर्व से कहता हूँ,
श्याम भरोसे श्याम की धुन में मैं तो हर पल रहता हूँ,
भर भर प्याला श्याम सुधा का मुझको श्याम पिलाता है,
क्या बतलाऊँ दुनिया को, ये रिश्ता क्या कहलाता है।
मैं तो इतना जानूँ मेरा श्याम से गहरा नाता है,
क्या बतलाऊँ दुनिया को, ये रिश्ता क्या कहलाता है।
ये मुझे जाने, ये पहचाने, क्या हूँ मैं और कैसा हूँ,
श्याम के दिल के जो भाता है मैं तो बिलकुल वैसा हूँ,
इसीलिए तो मुझ पर अपना जमकर लुटाता है,
क्या बतलाऊँ दुनिया को, ये रिश्ता क्या कहलाता है।
अपना सब कुछ सौंप दिया है मैंने श्याम के हाथों में
दिल ये मेरा खो जाता है श्याम प्रभु की बातों में
श्याम ही मेरा ईष्ट देव है श्याम ही भाग्य विधाता है
क्या बतलाऊँ दुनिया को, ये रिश्ता क्या कहलाता है।
कितना मेरा ध्यान ये रखता बिन्नू गर्व से कहता हूँ,
श्याम भरोसे श्याम की धुन में मैं तो हर पल रहता हूँ,
भर भर प्याला श्याम सुधा का मुझको श्याम पिलाता है,
क्या बतलाऊँ दुनिया को, ये रिश्ता क्या कहलाता है।
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