
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Hindi Shabdaarth.
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग Kabir Doha/Sakhi Hindi Meaning
विरह में राह देखते देखते जीवात्मा के आँखों के आगे काली झाईं पड़ गई है, आखों के आगे अँधेरा छाने लगा है। राम राम पुकारते हुए उसकी जिव्हा में छाले पड़ गए हैं. इस साखी में पुरुक्तिप्रकाश और अतिश्योक्ति अलंकार की व्यंजना हुई है. इश्वर का नाम पुकारते पुकारते जिव्हा में छाले पड़ गए हैं. यह विरह की पराकाष्ठा है. कबीर साहेब ने इस दोहे में स्पष्ट किया है की विरह में जीवात्मा अत्यंत ही दुखी रहती है, वह मात्र पूर्णता को प्राप्त होना चाहती है और इसी कारण से वे अपने प्रियतम की राह देखती रहती है.