मेरी जीवन नैया डोल रही मेरी जीवन नैया
मेरी जीवन नैया डोल रही मेरी जीवन नैया
मेरी जीवन नैया डोल रही, मेरी जीवन नैया,
ये तो साईं साईं बोल रही, मेरी जीवन नैया।
गहरा सागर, दूर किनारा, साईं है तेरा ही सहारा,
भक्तों को कष्टों से उभारा, बाबा तू ही तारण सहारा।
भेद न पाया कोई तुम्हारा, हे जग के खिवैया,
मेरी जीवन नैया डोल रही, मेरी जीवन नैया।
मैं हूँ सेवक, तुम हो मेरे स्वामी, साईं मेरे अंतर यामी,
कोई नहीं है तुमसा दानी, अमृत बाबा तेरी वाणी।
तुम चंदन हो, हम हैं पानी, तुम ही शीतल छाया,
मेरी जीवन नैया डोल रही, मेरी जीवन नैया।
बाबा मुझको पार लगा दो, इस वीराने की बिगड़ी बना दो,
झूठा मन का भ्रम मिटा दो, मन में ज्ञान की ज्योत जगा दो।
गीता का उपदेश सुना दो, बन के कृष्ण कन्हैया,
मेरी जीवन नैया डोल रही, मेरी जीवन नैया।
ये तो साईं साईं बोल रही, मेरी जीवन नैया।
गहरा सागर, दूर किनारा, साईं है तेरा ही सहारा,
भक्तों को कष्टों से उभारा, बाबा तू ही तारण सहारा।
भेद न पाया कोई तुम्हारा, हे जग के खिवैया,
मेरी जीवन नैया डोल रही, मेरी जीवन नैया।
मैं हूँ सेवक, तुम हो मेरे स्वामी, साईं मेरे अंतर यामी,
कोई नहीं है तुमसा दानी, अमृत बाबा तेरी वाणी।
तुम चंदन हो, हम हैं पानी, तुम ही शीतल छाया,
मेरी जीवन नैया डोल रही, मेरी जीवन नैया।
बाबा मुझको पार लगा दो, इस वीराने की बिगड़ी बना दो,
झूठा मन का भ्रम मिटा दो, मन में ज्ञान की ज्योत जगा दो।
गीता का उपदेश सुना दो, बन के कृष्ण कन्हैया,
मेरी जीवन नैया डोल रही, मेरी जीवन नैया।
मेरे जीवन नैया डोल रही ! Mere Jeevan Naiya Dol Rahi ! Puneet Khurana ! Shukrana Guru ji ! Taranhar
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Song : - Mere Jeevan Naiya Dol Rahi
Singer : Puneet Khurana
Lyrics : Pradeep Sahil
Music : Raj Atul Sahu
Label : - Double Ess
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Lyrics : Pradeep Sahil
Music : Raj Atul Sahu
Label : - Double Ess
साईं की कृपा और उनकी शरण का भाव भक्त के हृदय को एक ऐसी पुकार और विश्वास से भर देता है, जो उसकी डोलती जीवन नैया को भवसागर से पार कराता है। यह भाव उस गहरे विश्वास को दर्शाता है कि साईं ही एकमात्र खिवैया हैं, जो गहरे सागर में दूर किनारे की ओर भक्त को ले जाते हैं। उनकी कृपा और प्रेम भक्तों के कष्टों को हरता है और उन्हें हर संकट से उबारता है।
साईं का प्रेम और उनकी दानशीलता भक्त के लिए वह अमृतमय वाणी है, जो उसके अंतरमन को शीतल छाया और शांति प्रदान करती है। यह भाव उस अटल विश्वास को व्यक्त करता है कि साईं स्वामी हैं और भक्त उनका सेवक, जो उनकी कृपा से जीवन की हर वीरानी को हरा-भरा बना सकता है। साईं की कृपा से भक्त का झूठा भ्रम मिटता है, और उनके ज्ञान की ज्योति उसके मन को आलोकित करती है। गीता का उपदेश सुनाने वाले साईं, जो कृष्ण कन्हैया के रूप में भक्त को सत्य और धर्म का मार्ग दिखाते हैं, उसकी नैया को पार लगाते हैं।
साईं का प्रेम और उनकी दानशीलता भक्त के लिए वह अमृतमय वाणी है, जो उसके अंतरमन को शीतल छाया और शांति प्रदान करती है। यह भाव उस अटल विश्वास को व्यक्त करता है कि साईं स्वामी हैं और भक्त उनका सेवक, जो उनकी कृपा से जीवन की हर वीरानी को हरा-भरा बना सकता है। साईं की कृपा से भक्त का झूठा भ्रम मिटता है, और उनके ज्ञान की ज्योति उसके मन को आलोकित करती है। गीता का उपदेश सुनाने वाले साईं, जो कृष्ण कन्हैया के रूप में भक्त को सत्य और धर्म का मार्ग दिखाते हैं, उसकी नैया को पार लगाते हैं।
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Author - Saroj Jangir
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