बिरह भुवंगम तन बसै हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

बिरह भुवंगम तन बसै हिंदी मीनिंग Birah Bhuvangam Tan Base Meaning Kabir Ke Dohe, Kabir Ke Dohe Hindi Meaning, Kabir Ke Dohe Hindi Bhavarth.

बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्र न लागै कोइ।
राम बियोगी ना जिवै, जिवै ते बौरा होइ॥

Birah Bhuvangm Tan Base Mantr Na Lage Koi,
Raam Biyogi Naa Jeeve, Jeeve Te Boura Hoi.
 
बिरह भुवंगम तन बसै मन्त्र न लागै कोई हिंदी मीनिंग Birah Bhuvangam Tan Base Hindi Meaning

कबीर दोहा शब्दार्थ हिंदी Kabir Doha Word meaning Hindi

बिरह-विरह।
भुवंगम-साँप।
बिरह भुवंगम-विरह रूपी सर्प/सांप
तन बसै-हृदय में वास करता है।
मंत्र न- कोई मन्त्र नहीं लगता है।
लागै कोइ- नहीं लगता है।
राम बियोगी - राम का वियोगी, राम से बिछड़ा हुआ।
ना जिवै- जीवित नहीं रहता है।
जिवै ते-यदि जीवित रहता है।
बौरा होइ- पागल हो जाता है।

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग Kabir Doha/Sakhi Hindi Meaning.

विरह से पीड़ित जीवात्मा के हृदय में विरह के संताप का सांप, सदा ही उसके तन (हृदय) में वास करता है. इस विरह रूपी सर्प पर कोई मन्त्र (दवा) कार्य नहीं करती है. राम का वियोगी जीवित नहीं रहता है. यदि वह जीवित रह भी जाता है तो पागल बन जाता है।

उल्लेखनीय है की विरह से पीड़ित जीवात्मा पर कोई सांसारिक दवा काम नहीं करती है. तमान तरह के तरीके, मन्त्र, औशधि आदि उस पर काम नहीं करती है. ऐसे व्यक्ति का जीवित रहना मुश्किल होता है. यदि वह जीवित रह भी जाता है तो सांसारिक जगत में उसकी क्रियाएं मेल नहीं खाती हैं इसलिए उसे पागल घोषित कर दिया जाता है. विरह की वेदना उसे अंदर ही अंदर खाए जाती है, वह निरंतर इसी वेदना से ग्रसित रहता है जिस पर ओषधि भी काम नहीं करती है. कबीर साहेब की इस साखी में रूपक (सांगरूपक) अलंकार का उपयोग हुआ है। 

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1 टिप्पणी

  1. Thank you!