दुल्हनिया मोहे मँगा दे लिरिक्स Dulahaniya Mohe Manga De Lyrics

दुल्हनिया मोहे मँगा दे लिरिक्स Dulahaniya Mohe Manga De Lyrics, Krishna Bhajan by Anup Jalota


Latest Bhajan Lyrics

दुल्हनिया मोहे मँगा दे री,
कितनी सुहानी आई घड़ी है,
मेरे सखा की लगन चढ़ी है,
मैं भी करूँगा ब्याह मैया,
मैं भी करूँगा ब्याह मैया,
बात बना दे री,
दुल्हनिया मोहे मँगा दे री,
ओ मैया मेरो ब्याह करा दे री।

अभी तो तू है छोटो सो लाला,
नन्हों सो है मेरो गोपाला,
थोड़ा सा तू बड़ा हो जाए तो,
बात बना दूँगी,
दुल्हन तोय मँगा दूंगी,
दुल्हन तोय मँगा दूंगी,
लल्लो तेरो ब्याह करा दूँगी,
कन्हैया तेरो ब्याह करा दूँगी।

बड़ी बड़ी गोओ चरा के लाऊँ,
काम बड़े निपटाय के लाऊँ,
ग्वाल बाल जो कर नहीं पाएं,
वो उलझो सुलझाय के लाऊँ,
फिर कैसे में छोटो हूँ माँ,
इतनो बताय दे री,
दुल्हनिया मोहे मँगा दे री,
ओ मैया मेरो ब्याह करा दे री।

उस दिन तो तूने कहा था लाला,
माखन नहीं चुराया है,
जी तू नन्हों तेरे हाथ है नन्हे,
ग्वालो ने मुख लपटाय है जी,
बड़ो भयो फिर कैसे बता दें,
लगुन चढ़ाय दूँगी,
दुल्हन तोहे मँगा दूंगी,
लल्ला तेरो ब्याह करा दूँगी,
कन्हैया तेरो ब्याह करा दूँगी।

कुपति हुए इंद्र देव जब,
अति मेघ बरसाया था जी,
नगरी डूब रही थी हमने,
गोवर्धन को उठाया था जी,
शंका है बेकार ओ मैया,
मन समझाय ले री,
दुल्हनिया मोहे मँगा दे री,
ओ मैया मेरो ब्याह करा दे री।

तूने लाला अकेले कैसे,
गोवर्धन को उठाया था जी,
सारे संग सखा ने मिलकर,
अपने बल को लगाया था जी,
बारो सो मेरो लाल लगुनिया,
कैसे चढ़ाय दूँगी,
दुल्हन कैसे मँगा दूंगी,
कैसे तेरो ब्याह करा दूँगी।

गेंद गिरी थी जब जमुना में,
सुन मैया जी बात हमारी,
नाग कालिया को फन कुचलो,
दंड दियो हमने अति भारी,
कोई बालक कैसे करेगा,
ऐसे बता दे री,
दुल्हनिया मोहे मँगा दे री,
ओ मैया मेरो ब्याह करा दे री।

नाग कालिया को अकेले ही,
तुमने लाला नहीं मारा था,
ब्रिज वासी तेरे संग थे सारे,
तब कहीं जाकर वो हारा था,
जा दिन ब्याह के योग्य तू होगा,
दुल्हन तोहे मँगा दूंगी,
लल्ला तेरो ब्याह करा दूँगी,
कन्हैया तेरो ब्याह करा दूँगी। 
 

दुल्हनिया मोहे माँगा दे रे Dulhaniya Moye Manga De Re : Krishna Bhajan | Beautiful Krishna Song

ब श्री कृष्ण अपनी माँ से दुल्हन लाने को कहते हैं, तो उनकी माँ यशोदा उन्हें मना करती हैं। वे कहती हैं कि श्री कृष्ण अभी बहुत छोटे हैं और उन्हें शादी करने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन श्री कृष्ण अपनी माँ के मना करने पर भी अपनी जिद नहीं छोड़ते और उन्हें दुल्हन लाने के लिए कहते हैं।
 
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एक दिन, श्री कृष्ण अपनी माँ के साथ वृंदावन जाते हैं। वहाँ वे एक सुंदर लड़की को देखते हैं। लड़की का नाम राधा है। श्री कृष्ण राधा को देखते ही उनसे प्रेम कर बैठते हैं। वे राधा को अपनी दुल्हन बनाना चाहते हैं।

श्री कृष्ण अपनी माँ से राधा से शादी करने के लिए कहते हैं। यशोदा देवी राधा के माता-पिता से बात करती हैं। राधा के माता-पिता भी श्री कृष्ण को अपनी बेटी के लिए स्वीकार कर लेते हैं।

इस तरह, श्री कृष्ण और राधा का विवाह हो जाता है। वे दोनों बहुत खुश होते हैं। श्री कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी पूरे वृंदावन में प्रसिद्ध हो जाती है।

यहाँ श्री कृष्ण की माँ यशोदा देवी के मना करने पर भी श्री कृष्ण की दुल्हन लाने की जिद के कुछ कारण दिए गए हैं:
  • श्री कृष्ण को राधा से प्रेम हो गया था।
  • श्री कृष्ण एक स्वाभाविक नेता थे और वे अपने निर्णय स्वयं लेने में विश्वास करते थे।
  • श्री कृष्ण को अपने माता-पिता से प्रेम था, लेकिन वे उनकी इच्छा के विरुद्ध भी अपने निर्णय ले सकते थे।
श्री कृष्ण की जिद के कारण उनकी माँ यशोदा देवी को भी उनकी शादी के लिए राजी होना पड़ा।
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