कै बिरहनि कूं मींच दे मीनिंग
कै बिरहनि कूं मींच दे हिंदी मीनिंग
कै बिरहनि कूं मींच दे, कै आपा दिखलाइ।
आठ पहर का दाझणां, मोपै सह्या न जाइ॥
आठ पहर का दाझणां, मोपै सह्या न जाइ॥
Ke Birhani Ku Meech De, Ke Aapa Dikhlaai,
Aath Pahar Ka Daajhna, Mope Saya Na Jaai.
Kabir Doha Word Meaning Hindi कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ
कै-या तो।
बिरहनि- विरहणी।
मींच दे-मृत्यु।
आपा दिखलाइ-अपना स्वरुप।
आठ पहर- आठ पहर/रात और दिन।
दाझणां- दग्ध होना।
मोपै-मुझसे।
सह्या-सहा नहीं जाता है।
न जाइ- नहीं जाता है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
बिरहनि- विरहणी।
मींच दे-मृत्यु।
आपा दिखलाइ-अपना स्वरुप।
आठ पहर- आठ पहर/रात और दिन।
दाझणां- दग्ध होना।
मोपै-मुझसे।
सह्या-सहा नहीं जाता है।
न जाइ- नहीं जाता है।
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग
विरह की अग्नि में दग्ध जीवात्मा इश्वर से निवेदन कर रही है की या तो वह उसे मार दे या फिर सामने आकर उसे स्वंय का दर्शन दे. आठों पहर की विरह अग्नि जीवात्मा से सहन नहीं होती है. भाव है की जीवात्मा इश्वर के दर्शन करने को व्याकुल रहती है. इस साखी में विरह की अग्नि में दग्ध जीवात्मा अब अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है और वर्णन करती है की उससे अब अधिक समय तक विरह की अग्नि को सहा नहीं जाएगा। अब वह चाहती है की या तो उसे पूर्णता में मिला लिया जाए या फिर नष्ट कर दिया जाए।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
