शुक्लाम्बरधरं विष्णुं मीनिंग Shuklambara Dharam Vishnum Sholk Meaning

शुक्लाम्बरधरं विष्णुं मीनिंग Shuklambara Dharam Vishnum Sholk Meaning Vishnu Stuti

शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम्
Shukla-Ambara-Dharam Vissnnum Shashi-Varnnam Catur-Bhujam
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये
Prasanna-Vadanam Dhyaayet Sarva-Vighnou Pashaantaye
 
शुक्लाम्बरधरं विष्णुं मीनिंग Shuklambara Dharam Vishnum Sholk Meaning Vishnu Stuti
हिंदी मीनिंग : हम भगवान श्री विष्णु का ध्यान करते हैं। कौन सफ़ेद वस्त्र धारण किये गए हैं। कौन है जो सर्वव्यापी है, चन्द्रमा की भांति कौन प्रकाशवान और चमकीला है। वह कौन है जिसके चार हाथ हैं। वह कौन है जिसका चेहरा सदा करुणा से भरा हुआ और तेजमय है, आओं हम उसका (विष्णु जी) का ध्यान करें जो समस्त बाधाओं से रक्षा करते हैं। 
 
English Meaning : We meditate on Lord Shri Vishnu. Who are wearing white clothes? Who is omnipresent, who is bright and shining like the moon. Who is the one who has four hands? Who is the one whose face is always full of compassion and bright, let us meditate on him (Lord Vishnu ji) who protects from all obstacles.
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
Shaanta-Aakaaram Bhujaga-Shayanam Padma-Naabham Sura-Iisham
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्
Vishva-Aadhaaram Gagana-Sadrsham Megha-Varnna Shubha-Anggam
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
Lakssmii-Kaantam Kamala-Nayanam Yogibhir-Dhyaana-Gamyam
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्
Vande Vissnnum Bhava-Bhaya-Haram Sarva-Loka-Eka-Naatham
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्
Vande Vissnnum Bhava-Bhaya-Haram Sarva-Loka-Eka-Naatham 

हिंदी मीनिंग : श्री विष्णु को प्रणाम, अभिनन्दन। वह जिसकी उपस्थिति अत्यंत ही शांत और निर्मल है। वह जो साँपों (आदिशेष ) पर विश्राम करता है। वह जिसने कमल का फूल धारण कर रखा है। वह सभी देवताओं का देव है। वह शृष्टि का पालक (पालनहार) है, वह जो आकाश की भाँती असीम और अथाह (जिसे बाँधा ना जा सके ) है। उसका वर्ण (रंग) बादलों के रंग जैसा (हल्का नीला और सफ़ेद) है, तथा जो एक पवित्र देह को धारण करता है। 

वे माता लक्ष्मी के पति हैं। उनकी आँखें कमल (कमल नयन -श्री शिव जी के द्वारा कमल का पुष्प दिए जाने के उपरान्त भगवान श्री विष्णु जी को कमल नयन पुकारा जाता है ) के पुष्प की जैसी हैं। वह (भगवान विष्णु ) जो ध्यान के द्वारा योगियों को प्राप्त होते हैं। ऐसे भगवान श्री विष्णु जी को नमन जो समस्त सांसारिक और दैहिक भय को दूर करते हैं और जो समस्त लोकों के स्वामी हैं। 
Meaning in English : Salutations to Shri Vishnu, greetings. One whose presence is very calm and serene. The one who rests on snakes (adishesha). The one who holds the lotus flower. He is the god of all Devas. He is the foster (Protector) of the world, the one who is infinite and unfathomable (who cannot be tied) like the sky. His body color (color) is like the color of clouds (light blue and white), and which bears a sacred body.
He is the husband of Mata Lakshmi. His eyes are like a flower of a lotus (Kamal Nayan - Lord Shree Vishnu is called Kamal Nayan after he is given a lotus flower by Lord Shiva.). He (Lord Vishnu) who attains yogis through meditation. Salutations to Lord Vishnu who removes all worldly and physical fears and who is the master of all worlds.
 
औषधे चिंतये विष्णुम भोजने च जनार्धनम
Oushade Chinthaye Vishnum Bhojane Cha Janardhanam
शयने पद्मनाभं च विवाहे च प्रजापतिम
Sayane Padmanabham Cha Vivahe Cha Prajapathim
युद्धे चक्रधरम देवं प्रवासे च त्रिविक्रमं
Yuddhe Chakradharam Devam Pravase Cha Trivikramam
नारायणं तनु त्यागे श्रीधरं प्रिय संगमे
Narayanam Thanu Thyage Sreedharam Priya Sangame

दुःस्वप्ने स्मर गोविन्दम संकटे मधुसूधनम
Duswapne Smara Govindam Sankate Madhu Sudhanam
कानने नारासिम्हम च पावके जलाशयिनाम
Kanane Narasimham Cha Pavake Jalasayinam
जलमध्ये वराहम च पर्वते रघु नन्दनं
Jalamadhye Varaham Cha Parvathe Raghu Nandanam
गमने वामनं चैव सर्व कार्येशु माधवं
Gamane Vamanam Chaiva Sarva Karyeshu Madhavam
षोडशैतानी नमानी प्रातरुत्थाय यह पठेत
Shodasaithani Naamani Prathar Uthaaya Ya Padeth
सर्वपापा विर्निमुक्तो विष्णुलोके महीयते
Sarva Papa Vinirmuktho Vishnu Loke Mahiyate
 
हिंदी मीनिंग :ओषधि ग्रहण करते समय समय उसे विष्णु समझें, भोजन ग्रहण करने के समय जनार्दन के रूप में, बिस्तर में पद्मनाभ के रूप में, विवाह के समय प्रजापति के रूप में, युद्ध में लगे रहने के दौरान चक्रधारी के रूप में, यात्रा के दौरान त्रिविक्रम के रूप में,

मृत्यु बिस्तर पर नारायण के रूप में, प्रिय के साथ मिलते समय श्रीधर, बुरे सपनों के साथ गोविंदा की तरह, मुसीबत में होते हुए मधुसूदन की भाँती,  जंगल में रहते हुए नरसिंह के रूप में, आग के दौरान जल शयन के रूप में, पानी के मध्य में वराहम के रूप में, जंगल में खो जाने पर रघु नंदन के रूप में,  विचरण के दौरान कदम के रूप में, समस्त कार्य करते समय माधव के रूप में श्री विष्णु जी का चिंतन करो।  प्रातः काल उठने पर जो कोई इन सोलह नामों को पढता है, सुमिरन करता है। वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है और आखिर में श्री विष्णु जी तक पहुँच जाता है। 

 
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6 टिप्पणियां

  1. Thank you.
  2. Om jai Jagdish hare
    Dhanyawad
  3. ॐ नमो नारायण
  4. Ok
  5. Jay shree Vishnu 🙌🏻❤️❤️
  6. Jay shree Vishnu 🙌🏻❤️❤️