सोलिड भोळा भजन लिरिक्स Solid Bhola Bhajan Lyrics

सोलिड भोळा भजन लिरिक्स Solid Bhola Bhajan Lyrics, Shiv Bhajan by Singer Raju Punjabi & Seenam Katholic, Writer - Ajay Hooda 

 
सोलिड भोळा भजन लिरिक्स Solid Bhola Bhajan Lyrics

मेरा बण के बनड़ा, आजा भोळे ले जा डोली हो,
तेरी गेल्या चालूं फिर बणके भोळी हो,
तेरी गेल्या चालूं फिर बणके भोळी हो,
हो ज्या गी वीरान घणी, रंग पड़ ज्या काळा र,
तू राजा की छोरी, मैं सूं डमरुँ वाळा रै,
तू राजा की छोरी, मैं सूं डमरुँ वाळा रै,

घणें दिन की सपने देखूं सूं,
ना करिये तू झोला,
तेरा मेरा केन्डी लागे,
भोळे यो जोड़ा,
कत्ति झोळी करके माँगूँ सूं,
मेरी भर दे झोळी हो,
तेरी गेल्या चालूं फिर बणके भोळी हो,
तेरी गेल्या चालूं फिर बणके भोळी हो,

तू सोने की मैं पीळी स,
मेरे नाग रह्वे गळ में,
तेरी रह रह माटी हो ज्यागी,
मेरी गेल्याँ जगल में,
तेरी रह रह माटी हो ज्यागी,
मेरी गेल्याँ जांगल में,
मैं भाँग रगड़ की रोज पीता,
ना करता टाळा ला रे,
तू राजा की छोरी,
मैं सूं डमरुँ वाळा रै,
तू राजा की छोरी,
मैं सूं डमरुँ वाळा रै,

मैं नखरे वखरे शिव शम्भू,
ना कदे दिखाऊँगी,
मैं नखरे वखरे शिव शम्भू,
ना कदे दिखाऊँगी,
प्याऊँ घोट घोट के भाँग,
मैं तेरी टहल बजाऊँगी,
प्याऊँ घोट घोट के भाँग,
मैं तेरी टहल बजाऊँगी,
मैं बण के रहूँगी दासी,
मन्ने लेजा टोळी हो,
तेरी गेल्या चालूं फिर बणके भोळी हो,
तेरी गेल्या चालूं फिर बणके भोळी हो,
घणी हठीली पार्वती, तू मार गयी बाजी,
मस्त मलंगा भोळा यो, तन्ने कर लिया राजी,
मस्त मलंगा भोळा यो, तन्ने कर लिया राजी,
हुड्डा बरके भक्तां का रहूँ सदा रूखाळा रे,
तू राजा की छोरी, मैं सूं डमरुँ वाळा रै,
तू राजा की छोरी, मैं सूं डमरुँ वाळा रै,
 

Solid Bhola || Haryanvi Superhit Bhole Song || Sapna || Mor Bhagti Bhajans

मेरा बण के बनड़ा, आजा भोळे ले जा डोली हो-मेरे दूल्हे बन कर (बनड़ा) कर भोले मेरी डोली ले जाओ।
तेरी गेल्या चालूं फिर बणके भोळी हो-मैं आपके पीछे (गेल्या) भोली बन कर (चालूं) चलूंगी।
हो ज्या गी वीरान घणी, रंग पड़ ज्या काळा र- मेरे पीछे आने से तुम बहुत (घणी) अकेली (वीरान) पड़ जाओगी, और तुम्हारा रंग काला (काळा) पड़ जाएगा।
तू राजा की छोरी, मैं सूं डमरुँ वाळा रै- तुम राजा की लड़की (छोरी) हो और मैं डमरु वाला हूँ।
घणें दिन-बहुत दिन।
ना करिये तू झोला-तुम विघ्न मत डालो।
कत्ति झोळी करके माँगूँ सूं- बिलकुल झोली फैलाकर।
तू सोने की मैं पीळी स- तुम सोने की हो और मैं पीतल की भाँती पीला।
मेरे नाग रह्वे गळ में- मेरे गले में सांप रहते हैं।
तेरी रह रह माटी हो ज्यागी-तेरी माटी (वैभव का समाप्त होना ) हो जायेगी।
गेल्याँ-पीछे। 

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