ईसर दास जी रा पांच बेटा गणगौर भजन Ishar Daas Ji Ra Panch Beta Bhajan
ईसर दास जी रा पांच बेटा बाई ऐ गोरा,
पांचा रा पच्चीस होजो बाई ऐ गोरा,
भर गाडो गेहुआ को दीजो बाई ऐ गोरा,
गाडा ऊपर चाडो दीजो बाई ऐ गोरा,
चाडा ऊपर चूंदड़ दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ऊपर चुड़लो दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई रोवा ऐ गोरा,
चुड़ला पहनेगी बाई सोवा ऐ गोरा
गणपति लाल जी रा पांच बेटा बाई ऐ गोरा,
पांचा रा पच्चीस होजो बाई ऐ गोरा,
गाडो भर गेहुआ को दीजो बाई ऐ गोरा,
गाडा ऊपर चाडो दीजो बाई ऐ गोरा,
चाडा ऊपर चूंदड़ दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ऊपर चुड़लो दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई रोवा ऐ गोरा,
चुड़ला पहनेगी बाई सोवा ऐ गोरा
गोकुलचंद जी रा पांच बेटा बाई ऐ गोरा,
पांचा रा पच्चीस होजो बाई ऐ गोरा,
भर गाडो गेहुआ को दीजो बाई ऐ गोरा,
गाडा ऊपर चाडो दीजो बाई ऐ गोरा,
चाडा ऊपर चूंदड़ दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ऊपर चुड़लो दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई मंजू ऐ गोरा,
चुड़ला पहनेगी बाई लाली ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई उषा ऐ गोरा,
चुड़ला पहनेगी बाई मधु ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई बबली ऐ गोरा,
पांचा रा पच्चीस होजो बाई ऐ गोरा,
भर गाडो गेहुआ को दीजो बाई ऐ गोरा,
गाडा ऊपर चाडो दीजो बाई ऐ गोरा,
चाडा ऊपर चूंदड़ दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ऊपर चुड़लो दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई रोवा ऐ गोरा,
चुड़ला पहनेगी बाई सोवा ऐ गोरा
गणपति लाल जी रा पांच बेटा बाई ऐ गोरा,
पांचा रा पच्चीस होजो बाई ऐ गोरा,
गाडो भर गेहुआ को दीजो बाई ऐ गोरा,
गाडा ऊपर चाडो दीजो बाई ऐ गोरा,
चाडा ऊपर चूंदड़ दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ऊपर चुड़लो दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई रोवा ऐ गोरा,
चुड़ला पहनेगी बाई सोवा ऐ गोरा
गोकुलचंद जी रा पांच बेटा बाई ऐ गोरा,
पांचा रा पच्चीस होजो बाई ऐ गोरा,
भर गाडो गेहुआ को दीजो बाई ऐ गोरा,
गाडा ऊपर चाडो दीजो बाई ऐ गोरा,
चाडा ऊपर चूंदड़ दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ऊपर चुड़लो दीजो बाई ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई मंजू ऐ गोरा,
चुड़ला पहनेगी बाई लाली ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई उषा ऐ गोरा,
चुड़ला पहनेगी बाई मधु ऐ गोरा,
चूंदड़ ओढ़ेगी बाई बबली ऐ गोरा,
गणगौर के गीत : ईसर दास जी रा पांच बेटा बाई ऐ गोरा लिरिक्स के साथ
Eesar Daas Jee Ra Paanch Beta Baee Ai Gora,
Paancha Ra Pachchees Hojo Baee Ai Gora,
Bhar Gaado Gehua Ko Deejo Baee Ai Gora,
Gaada Oopar Chaado Deejo Baee Ai Gora,
Chaada Oopar Choondad Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Oopar Chudalo Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Rova Ai Gora,
Chudala Pahanegee Baee Sova Ai Gora
Ganapati Laal Jee Ra Paanch Beta Baee Ai Gora,
Paancha Ra Pachchees Hojo Baee Ai Gora,
Gaado Bhar Gehua Ko Deejo Baee Ai Gora,
Gaada Oopar Chaado Deejo Baee Ai Gora,
Chaada Oopar Choondad Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Oopar Chudalo Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Rova Ai Gora,
Chudala Pahanegee Baee Sova Ai Gora
Gokulachand Jee Ra Paanch Beta Baee Ai Gora,
Paancha Ra Pachchees Hojo Baee Ai Gora,
Bhar Gaado Gehua Ko Deejo Baee Ai Gora,
Gaada Oopar Chaado Deejo Baee Ai Gora,
Paancha Ra Pachchees Hojo Baee Ai Gora,
Bhar Gaado Gehua Ko Deejo Baee Ai Gora,
Gaada Oopar Chaado Deejo Baee Ai Gora,
Chaada Oopar Choondad Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Oopar Chudalo Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Rova Ai Gora,
Chudala Pahanegee Baee Sova Ai Gora
Ganapati Laal Jee Ra Paanch Beta Baee Ai Gora,
Paancha Ra Pachchees Hojo Baee Ai Gora,
Gaado Bhar Gehua Ko Deejo Baee Ai Gora,
Gaada Oopar Chaado Deejo Baee Ai Gora,
Chaada Oopar Choondad Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Oopar Chudalo Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Rova Ai Gora,
Chudala Pahanegee Baee Sova Ai Gora
Gokulachand Jee Ra Paanch Beta Baee Ai Gora,
Paancha Ra Pachchees Hojo Baee Ai Gora,
Bhar Gaado Gehua Ko Deejo Baee Ai Gora,
Gaada Oopar Chaado Deejo Baee Ai Gora,
Chaada Oopar Choondad Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Oopar Chudalo Deejo Baee Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Manjoo Ai Gora,
Chudala Pahanegee Baee Laalee Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Usha Ai Gora,
Chudala Pahanegee Baee Madhu Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Babalee Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Manjoo Ai Gora,
Chudala Pahanegee Baee Laalee Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Usha Ai Gora,
Chudala Pahanegee Baee Madhu Ai Gora,
Choondad Odhegee Baee Babalee Ai Gora,
गणगौर मुख्यतः राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य हिंदी भाषी क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है और नवविवाहिताओं के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसे पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। गणगौर का पर्व चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की तिथि से शुरू होकर 16 दिनों तक चलता है, जिसमें महिलाएं मिट्टी की मूर्तियों की सजावट करती हैं, विशेष गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं।