रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा भजन Re Man Ye Do Din Ka Mela Lyrics

रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा Re Man Ye Do Din Ka Mela

 
यह जगत दो दिन का मेला है। यहाँ पर लोग आते जाते हैं, कोई जन्म लेता है कोई मरता है, यही इस जगत की रीत है। इसलिए इसे मेला कहकर साधक को आगाह किया है की सांसारिक जगत की कोई वस्तु तुम्हारे काम नहीं आने वाली है तुम ईश्वर का ध्यान करो, सुमिरण करो यही इस जीवन का सार है। 
 
रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा भजन Re Man Ye Do Din Ka Mela Lyrics

प्रबल प्रेम के पाले पड़कर,
प्रभु को नियम बदलते देखा,
और उनका मान टले, टल जाये,
पर जन का मान ना टलते देखा।
रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा,
कायम ना जग का झमेला रहेगा।

किस काम ऊँचा जो तू, महला बनाएगा,
किस काम का लाख़ों का जो, थोड़ा कमाएगा,
रथ हाथियों का झुण्ड भी, किस काम आएगा,
जैसा तू यहाँ आया था, वैसा ही जाएगा,
तेरी सफ़र में सवारी की ख़ातिर,
तेरी सफर में सवारी की खातिर,
कंधो पे ठठरी का ठेला रहेगा,
रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा,
कायम ना जग का झमेला रहेगा।

कहता है ये दौलत कभी, आएगी मेरे काम,
पर यह तो बता धन हुआ, किसका भला ग़ुलाम,
समझा गए उपदेश, हरिश्चंद्र कृष्ण राम,
दौलत तो नहीं रहती है,
रहता है सिर्फ नाम,
छूटेगी सम्पति यहाँ की यहीं पे,
छूटेगी सम्पति यहाँ की यहीं पर,
तेरी कमर में ना अधेला रहेगा,
रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा,
कायम ना जग का झमेला रहेगा।

साथी है मित्र गंगा के, जल बिंदु पान तक,
अर्धांगिनी बढ़ेगी तो, केवल मकान तक,
परिवार के सब लोग, चलेंगे मशान तक,
बेटा भी हक निभाएगा, तो अग्निदान तक,
इसके तो आगे भजन ही है साथी,
इसके तो आगे भजन ही है साथी,
हरी के भजन बिन तू अकेला रहेगा,
रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा,
कायम ना जग का झमेला रहेगा।
 

Re Mann Ye Do Din
Prabal Prem Ke Paale Padakar,
Prabhu Ko Niyam Badalate Dekha,
Aur Unaka Maan Tale, Tal Jaaye,
Par Jan Ka Maan Na Talate Dekha.
Re Man Ye Do Din Ka Mela Rahega,
Kaayam Na Jag Ka Jhamela Rahega.

Kis Kaam uncha Jo Tu, Mahala Banaega,
Kis Kaam Ka Laakhon Ka Jo, Thoda Kamaega,
Rath Haathiyon Ka Jhund Bhi, Kis Kaam Aaega,
Jaisa Tu Yahaan Aaya Tha, Vaisa Hi Jaega,
Teri Safar Mein Savaari Ki Khaatir,
Teri Saphar Mein Savaari Ki Khaatir,
Kandho Pe Thathari Ka Thela Rahega,
Re Man Ye Do Din Ka Mela Rahega,
Kaayam Na Jag Ka Jhamela Rahega.

Kahata Hai Ye Daulat Kabhi, Aaegi Mere Kaam,
Par Yah To Bata Dhan Hua, Kisaka Bhala Gulaam,
Samajha Gae Upadesh, Harishchandr Krshn Raam,
Daulat To Nahin Rahati Hai,
Rahata Hai Sirph Naam,
Chhutegi Sampati Yahaan Ki Yahin Pe,
Chhutegi Sampati Yahaan Ki Yahin Par,
Teri Kamar Mein Na Adhela Rahega,
Re Man Ye Do Din Ka Mela Rahega,
Kaayam Na Jag Ka Jhamela Rahega.

Saathi Hai Mitr Ganga Ke, Jal Bindu Paan Tak,
Ardhaangini Badhegi To, Keval Makaan Tak,
Parivaar Ke Sab Log, Chalenge Mashaan Tak,
Beta Bhi Hak Nibhaega, To Agnidaan Tak,
Isake To Aage Bhajan Hi Hai Saathi,
Isake To Aage Bhajan Hi Hai Saathi,
Hari Ke Bhajan Bin Tu Akela Rahega,
Re Man Ye Do Din Ka Mela Rahega,
Kaayam Na Jag Ka Jhamela Rahega. 
 
Re Mann Ye Do Din · Santosh Upadhyay
Bhagwan Tumhare Charno Mein
 
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