आरती भारत माता की लिरिक्स Aarti Bharat Mata Ki Lyrics

आरती भारत माता की लिरिक्स Aarti Bharat Mata Ki Lyrics Patriotic(desh bhakti) hindi Songs Of India

आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की।
आरती भारत माता की,
ज़गत के भाग्य विधाता की।

सिर पर हिम गिरिवर सोहै,
चरण को रत्नाकर धोए,
देवता गोदी में सोए,
रहे आनंद, हुए न द्वन्द,
समर्पित छंद,
बोलो जय बुद्धिप्रदाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की।

जगत में  लगती है न्यारी,
बनी है इसकी छवि न्यारी,
कि दुनियाँ देख जले सारी,
देखकर झलक,
झुकी है पलक, बढ़ी है ललक,
कृपा बरसे जहाँ दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की।

गोद गंगा जमुना लहरे,
भगवा फहर फहर फहरे,
लगे हैं घाव बहुत गहरे,
हुए हैं खण्ड, करेंगे अखण्ड,
देकर दंडमौत परदेशी दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की।

पले जहाँ रघुकुल भूषण राम,
बजाये बँसी जहाँ घनश्याम,
जहाँ का कण कण तीरथ धाम,
बड़े हर धर्म, साथ शुभ कर्म,
लढे बेशर्म बनी श्री राम दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की।

बड़े हिन्दू का स्वाभिमान ,
किया केशव ने जीवनदान,
बढाया माधव ने भी मान,
चलेंगे साथ,
हाथ में हाथ, उठाकर माथ,
शपथ गीता गौमाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की।

Aarti Bharat Mata Ki| आरती भारत माता की | Patriotic(desh bhakti) hindi Songs Of India |

आरती भारत माता की, जगत की भाग्यविधाता की॥
मुकुटसम हिमगिरिवर सोहे,
चरण को रत्नाकर धोए,
देवता कण-कण में छाये
वेद के छंद, ग्यान के कंद, करे आनंद,
सस्यश्यामल ऋषिजननी की॥1॥ जगत की...........

जगत से यह लगती न्यारी,
बनी है इसकी छवि प्यारी,
कि दुनिया झूम उठे सारी,
देखकर झलक, झुकी है पलक, बढ़ी है ललक,
कृपा बरसे जहाँ दाता की॥2॥ जगत की...........

पले जहाँ रघुकुल भूषण राम,
बजाये बंसी जहाँ घनश्याम,
जहाँ पग-पग पर तीरथ धाम,
अनेको पंथ, सहस्त्रों संत, विविध सद्ग्रंथ
सगुण-साकार जगन्माँकी॥3॥ जगत की...........

गोद गंगा-जमुना लहरे,
भगवा फहर-फहर फहरे,
तिरंगा लहर-लहर लहरे,
लगे हैं घाव बहुत गहरे,
हुए हैं खण्ड, करेंगे अखण्ड, यत्न कर चण्ड
सर्वमंगल-वत्सल माँ की॥4।। जगत की...........

बढ़ाया संतों ने सम्मान,
किया वीरों ने जीवनदान,
हिंदुत्व में निहित है प्राण,
चलेंगे साथ, हाथ में हाथ, उठाकर माथ,
शपथ गीता - गौमाता की॥5॥ जगत की...........
भारत माता की जय.. वन्दे मातरम !

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