ऐ दो जहाँ के मालिक भजन लिरिक्स Aie Do Jaha Ke Malik Lyrics

ऐ दो जहाँ के मालिक भजन Aie Do Jaha Ke Malik Kumar Deepak

 
ऐ दो जहाँ के मालिक भजन Aie Do Jaha Ke Malik Kumar Deepak

ऐ दो जहाँ के मालिक मेरी खता बता दे,
चरणों से दूर दाता तूने क्यों किया बता दे,
ऐ दो जहाँ के मालिक मेरी खता बता दे।

जीने को जी रहा हूँ लेकिन मज़ा नहीं है,
तुझसे जो दूरियां है क्या ये सजा नहीं है,
मुझे थाम ले दयालु ये फासले मिटा दे,
ऐ दो जहाँ के मालिक मेरी खता बता दे।

दुनिया की दौलतों की चाहत नहीं है दाता,
चरणों में  बस जगह तू देदे मेरे विधाता,
हाथों को मेरे सर पे ज़रा प्यार से फिरा दे,
ऐ दो जहाँ के मालिक मेरी खता बता दे।

तेरे पथ पे चल रहा हूँ इक दिन तो तू मिलेगा,
उम्मीद का ये दीपक एक दिन प्रभु जलेगा,
तेरे हर्ष के ह्रदय का अँधियारा तू मिटा दे,
ऐ दो जहाँ के मालिक मेरी खता बता दे। 
 

ऐ दो जहाँ के मालिक मेरी खता बतादे | Maalik Meri Khata Bata De | Kumar Deepak | Sad Shyam Bhajan

Aie Do Jahaan Ke Maalik Meri Khata Bata De,
Charanon Se Dur Daata Tune Kyon Kiya Bata De,
Aie Do Jahaan Ke Maalik Meri Khata Bata De.

Jine Ko Ji Raha Hun Lekin Maza Nahin HAie,
Tujhase Jo Duriyaan HAie Kya Ye Saja Nahin HAie,
Mujhe Thaam Le Dayaalu Ye Phaasale Mita De,
Aie Do Jahaan Ke Maalik Meri Khata Bata De.

Duniya Ki Daulaton Ki Chaahat Nahin HAie Daata,
Charanon Mein  Bas Jagah Tu Dede Mere Vidhaata,
Haathon Ko Mere Sar Pe Zara Pyaar Se Phira De,
Aie Do Jahaan Ke Maalik Meri Khata Bata De.

Tere Path Pe Chal Raha Hun Ik Din To Tu Milega,
Ummid Ka Ye Dipak Ek Din Prabhu Jalega,
Tere Harsh Ke Hraday Ka Andhiyaara Tu Mita De,
Aie Do Jahaan Ke Maalik Meri Khata Bata De.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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