
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग- चौराहे पर आत्मा रूपी चिंतामणि व्यापार के लिए चल पड़ी। इस पर सौदे पर हाथ मारने के लिए कई डाकू भी आ गए। माया रूपी दलालों ने उस सौदे पर/ व्यापार पर बुरी नजर से हाथ रखना शुरू कर दिया, जैसे की उनका इसमें हिस्सा है। साधक अपने गुरु से निवेदन करता है की हे गुरुवर आप मुझ पर कृपा कीजिए मैं पुनः कभी भी माया के भ्रम के साथ नहीं जाऊँगा।अतः इस साखी का मूल भाव है की हृदय अपने स्वामी का सुमिरन करने में लगना चाहता है लेकिन मोह और माया उसे अपने भरम का शिकार बना कर।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |