पंषि उडाणी गगन कूँ प्यंड रह्या परदेस मीनिंग
पंषि उडाणी गगन कूँ, प्यंड रह्या परदेस।
पाँणी पीया चंच बिन, भूलि गया यहु देस॥
Pankhi Udani Gagan Ku, Pyand Rahya Pardes,
Paani Piya Chanch Bin, Bhuli Gaya Yahu Des.
कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Hindi Word Meaning
- पंषि-पक्षी (जीवात्मा)
- उडाणी-उड़ गया
- गगन कूँ-आकाश, ब्रह्माण्ड.
- प्यंड रह्या-देह रही, देश यही पर रह गई.
- परदेस-परदेश.
- पाँणी पीया-सहस्त्रदल से निकला अमृत.
- चंच बिन-बिना चौंच के.
- भूलि गया-विस्मरण कर दिया.
- यहु देस-यह देश.
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग- प्रस्तुत साखी में कबीर साहेब ने आत्मा के विषय में कहा है की वह शुद्ध होकर गगन, पूर्व परमात्मा की तरफ बढ़ चली है और यह देह यहीं पर रह गया है। आत्मा ऊर्ध्वगमन हो गई है। शून्य में पहुँच कर आत्मा ने बिना किसी इन्द्रियों की सहायता के अमृत का पान किया है। इस अमृत का पान करके वह सांसारिकता को भूल गया है। आत्मा इस जगत को भुला चुकी है और अमृत पान को बगैर किसी बाह्य इन्द्रियों की सहायता के पान कर रही है। भाव है की उसे अब सांसारिक मायाजनित कार्यों से अलगाव हो गया है और आत्मा अमृत का पान कर रही है. इस साखी में अन्योक्ति और विभावना अलंकार की व्यंजना हुई है.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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