मृगला खेत गया सब खाई Mrigala Khet Gaya Sab Khaayi Bhajan Narayan Swami
जैसे कबीर साहेब ने कहा की "होशियार रहना नगर में चोर आएंगे" ऐसे ही यह मानव जीवन खेत है और पाँचों प्रकार की इन्द्रिया मृगला (हिरण ) हैं। बिना विवेक और ज्ञान के ये खेत में उधम मचाते हैं और फ़सल (मानव जीवन का उद्देश्य) को बर्बाद कर देते हैं। जीवन यापन के लिए रुपये पैसे कमाना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन इसके साथ साथ मानवीय गुणों को धारण करके हरि सुमिरण करना कोई विशेष उलझन का काम नहीं है, हम कर सकते हैं। आखिरकार एक रोज इस जीवन का वेलिडिटी पीरियड समाप्त हो जाना है, सत्य है किसी से नहीं रुका है। तो फिर क्या किया जाए ?
मृग को पहचानने की आवश्यकता है, संन्यास लेने की नहीं। एक बार जब मृग जो की विषय विकार हैं, इनको पहचान लेने पर इन्हे रोकना आसान हो जाता है। जब हम अंदर की तरफ चलेंगे तो सब वहीँ पर पाएंगे। केसर कस्तूरी से गारा (कच्ची मिटटी) और गंगा जमुना के पानी से आशय है की यह जीवन बहुत कीमती है, हम कितना इसके महत्त्व को समझ पाते हैं यह नितांत व्यक्तिगत मामला है।
अब मैं क्या करु मेरे भाई,
मृगला खेत गया सब खाई।
क्या करु मेरे भाई अब मैं,
खेत गया सब खाई।
मृगला खेत गया सब खाई,
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
केसर कस्तूरी कै गारा बणाया,
गंगा जमुना पाणी,
राम लक्ष्मण भर भर के लावे,
सींचें सीता माई,
खेत गया सब खाई
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
पच मृग पचीस मृगली,
रहवे इस वन माहीं,
इस वन मैं है खेत हमारा,
सोवे चरी चरी जाइ,
खेत गया सब खाई,
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
जागू तब तो भागी जावै,
सोऊँ तो फिर आई,
भीतर बैठ के उजाड़ करे वो,
इनसे मची लड़ाई,
खेत गया सब खाई
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
ध्यान तीर सुमिरन का भाला,
नानक कमान चढाई
नूरत सूरत साथी आगे,
चार किवाड़ कराई,
खेत गया सब खाई
ऐ मृगला खेत गया सब खाई
हे सद्गुरु सन्मुख रक्षक लीन्हा,
ढ़ाल अभेद बनाई,
अवधू गोरक्ष बोल्या वाणी,
मृग को मार हटाई,
मृगला खेत गया सब खाई।
अब मैं क्या करु मेरे भाई,
मृगला खेत गया सब खाई।
क्या करु मेरे भाई अब मैं,
खेत गया सब खाई।
मृगला खेत गया सब खाई,
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
मृगला खेत गया सब खाई।
क्या करु मेरे भाई अब मैं,
खेत गया सब खाई।
मृगला खेत गया सब खाई,
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
केसर कस्तूरी कै गारा बणाया,
गंगा जमुना पाणी,
राम लक्ष्मण भर भर के लावे,
सींचें सीता माई,
खेत गया सब खाई
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
पच मृग पचीस मृगली,
रहवे इस वन माहीं,
इस वन मैं है खेत हमारा,
सोवे चरी चरी जाइ,
खेत गया सब खाई,
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
जागू तब तो भागी जावै,
सोऊँ तो फिर आई,
भीतर बैठ के उजाड़ करे वो,
इनसे मची लड़ाई,
खेत गया सब खाई
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
ध्यान तीर सुमिरन का भाला,
नानक कमान चढाई
नूरत सूरत साथी आगे,
चार किवाड़ कराई,
खेत गया सब खाई
ऐ मृगला खेत गया सब खाई
हे सद्गुरु सन्मुख रक्षक लीन्हा,
ढ़ाल अभेद बनाई,
अवधू गोरक्ष बोल्या वाणी,
मृग को मार हटाई,
मृगला खेत गया सब खाई।
अब मैं क्या करु मेरे भाई,
मृगला खेत गया सब खाई।
क्या करु मेरे भाई अब मैं,
खेत गया सब खाई।
मृगला खेत गया सब खाई,
ऐ मृगला खेत गया सब खाई।
Narayan Swami Bhajan Lyrics Mrugla Khet Gaya - Narayan Swami
Aub Main Kya Karu Mere Bhai,
Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Kya Karu Mere Bhai Aub Main,
Khet Gaya Sab Khai.
Mrigalaa khet Gaya Sab Khai,
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Kesar Katyuri Kai Gaara Banaaya,
Ganga Jamuna Paani,
Raam Lakshman Bhar Bhar Ke Laave,
Sinchen Sita Mai,
Khet Gaya Sab Khai
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Pach Mrg Pachis Mrgali,
Rahave Is Van Maahin,
Is Van Main Hai Khet Hamaara,
Sove Chari Chari Jai,
Khet Gaya Sab Khai,
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Jaagu Tab To Bhaagi Jaavai,
Suon To Phir Aai,
Bhitar Baith Ke Ujaad Kare Vo,
Inase Machi Ladai,
Khet Gaya Sab Khai
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Dhyaan Tir Sumiran Ka Bhaala,
Naanak Kamaan Chadhai
Nurat Surat Saathi Aage,
Chaar Kivaad Karai,
Khet Gaya Sab Khai
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai
He Sadguru Sanmukh Rakshak Linha,
Dhaal Abhed Banai,
Avadhu Goraksh Bolya Vaani,
Mrg Ko Maar Hatai,
Mrigalaa Khet Gaya Sab Khai.
Aub Main Kya Karu Mere Bhai,
Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Kya Karu Mere Bhai Aub Main,
Khet Gaya Sab Khai.
Mrigalaa khet Gaya Sab Khai,
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Kya Karu Mere Bhai Aub Main,
Khet Gaya Sab Khai.
Mrigalaa khet Gaya Sab Khai,
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Kesar Katyuri Kai Gaara Banaaya,
Ganga Jamuna Paani,
Raam Lakshman Bhar Bhar Ke Laave,
Sinchen Sita Mai,
Khet Gaya Sab Khai
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Pach Mrg Pachis Mrgali,
Rahave Is Van Maahin,
Is Van Main Hai Khet Hamaara,
Sove Chari Chari Jai,
Khet Gaya Sab Khai,
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Jaagu Tab To Bhaagi Jaavai,
Suon To Phir Aai,
Bhitar Baith Ke Ujaad Kare Vo,
Inase Machi Ladai,
Khet Gaya Sab Khai
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Dhyaan Tir Sumiran Ka Bhaala,
Naanak Kamaan Chadhai
Nurat Surat Saathi Aage,
Chaar Kivaad Karai,
Khet Gaya Sab Khai
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai
He Sadguru Sanmukh Rakshak Linha,
Dhaal Abhed Banai,
Avadhu Goraksh Bolya Vaani,
Mrg Ko Maar Hatai,
Mrigalaa Khet Gaya Sab Khai.
Aub Main Kya Karu Mere Bhai,
Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
Kya Karu Mere Bhai Aub Main,
Khet Gaya Sab Khai.
Mrigalaa khet Gaya Sab Khai,
Ai Mrigalaa khet Gaya Sab Khai.
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