जय काली कल्याण करे काल नाशनी काली मैया भजन

जय काली कल्याण करे काल नाशनी काली मैया भजन

(मुखड़ा)
लफ-लफ जीभ निकाली, मैया,
लाल लहू खप्पर में भरे,
काल नाशिनी, काली मैया,
जय काली, कल्याण करे,
जय काली, कल्याण करे।।

(अंतरा)
तीन नेत्र त्रिपुरारी जैसे,
रुंड-मुंड गलमाला,
गौर-वर्ण एक रूप साथ में,
एक रूप है काला,
एक रूप तेरा मोहित करता,
एक रूप को देख डरे,
काल नाशिनी, काली मैया,
जय काली, कल्याण करे।।

समरभूमि में नाच रही है,
बनकर के महाकाली,
असुर मर्दिनी, मात भवानी,
पीए लहू की प्याली,
रक्तबीज का बीज मिटाके,
भूमि का माँ भार हरे,
काल नाशिनी, काली मैया,
जय काली, कल्याण करे।।

लट बिखराई, खड्ग उठाई,
धधक रही है ज्वाला,
माँ को मनाने को आया है,
डम-डम डमरू वाला,
निकली जीभ, खड्ग आसन में,
रह गईं हाथ त्रिशूल धरे,
काल नाशिनी, काली मैया,
जय काली, कल्याण करे।।

कलयुग में अब भरना खप्पर,
भोले ने वरदान दिया,
विनती करके शिव-शंभू ने,
महाकाली को शांत किया,
कहे बेनाम, महाकाली माँ,
भक्तों की सब विपद हरे,
काल नाशिनी, काली मैया,
जय काली, कल्याण करे।।

(पुनरावृत्ति)
लफ-लफ जीभ निकाली, मैया,
लाल लहू खप्पर में भरे,
काल नाशिनी, काली मैया,
जय काली, कल्याण करे,
जय काली, कल्याण करे।।
 


Jai Kali Kalyan Kare-जय काली कल्याण करे-Uday Soni-8878181636-Divya Bhajan Youtub Channle
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