तेरे नाम की धुन लागी मन है तेरा मतवाला लिरिक्स Tere Naam Ki Dhun Laagi Lyrics, Krishna Bhajan Lyrics Hindi MADHUSMITA
तेरे नाम की धुन लागी, मन है तेरा मतवाला,मैं तान हूँ मुरली की, तू मोहन मुरली वाला।
तू ही मेरा स्वामी हैं, तू ही है मेरा दाता,
भक्ति मेरा जीवन है, भक्तो से तेरा नाता,
मैं तेरी शरण में हूँ, तू हैं मेरा रखवाला ॥
तुने मुझे भक्ति के सागर में डूबोया है,
टूटे हुए मोती को माला में पिरोया हैं,
मैं रूप हूँ मीरा का, तू है मेरा गोपाला।
तेरे नाम की धुन लागी मन है तेरा मतवाला हिंदी मीनिंग Tere Naam Ki Dhun Laagi Lyrics, Krishna Bhajan Hindi Meaning.
तेरे नाम की धुन लागी, मन है तेरा मतवाला : यह सुन्दर कृष्ण भजन जिसमे साधक को कृष्ण नाम की धुन, लगन लग गई है। भक्ति में डूबा हुआ हृदय मतवाला हो रहा है। मतवाला से आशय है की वह सांसारिक जगत की क्रियाओं पर ध्यान नहीं दे रहा है।
मैं तान हूँ मुरली की, तू मोहन मुरली वाला : हे कृष्ण मैं, जीवात्मा मुरली की तान हूँ। मैं आपकी मुरली की लय हूँ और आप मेरे मुरली वाले हैं। मुरली धर और मुरारी दोनों ही श्री कृष्ण के लीलाओं के आधार पर नाम हैं। मुरा नाम के राक्षश के वध के उपरान्त श्री कृष्ण को मुरारी कहा जाता है।
तू ही मेरा स्वामी हैं, तू ही है मेरा दाता : आप में मेरे स्वामी और दाता हैं।
भक्ति मेरा जीवन है, भक्तो से तेरा नाता : साधक के जीवन का आधार भक्ति है और हरिजन से ही उसका सबंध है।
मैं तेरी शरण में हूँ, तू हैं मेरा रखवाला : जीवात्मा ईश्वर की शरण में है और ईश्वर ही उसका रखवाला है।
तुने मुझे भक्ति के सागर में डूबोया है : हे स्वामी आपकी कृपा से ही मैं भक्ति के सागर में डूबी हूँ। भक्ति के सागर में डूबने से आशय है की समस्त मायाजनित विकार स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं।
टूटे हुए मोती को माला में पिरोया हैं : आपने ही इस मोती को पुनः माला में पिरोया है। हृदय में जीवात्मा है जो पूर्ण परमात्मा का अंश है। जैसे मोती का आधार माला है ऐसे ही साधक पुनः अपने स्वामी से मिलता है।
मैं रूप हूँ मीरा का, तू है मेरा गोपाला : साधक/जीवात्मा मीरा के समान अनन्य कृष्ण भक्त है और उसके स्वामी ही गोपाल हैं।
मैं तान हूँ मुरली की, तू मोहन मुरली वाला : हे कृष्ण मैं, जीवात्मा मुरली की तान हूँ। मैं आपकी मुरली की लय हूँ और आप मेरे मुरली वाले हैं। मुरली धर और मुरारी दोनों ही श्री कृष्ण के लीलाओं के आधार पर नाम हैं। मुरा नाम के राक्षश के वध के उपरान्त श्री कृष्ण को मुरारी कहा जाता है।
तू ही मेरा स्वामी हैं, तू ही है मेरा दाता : आप में मेरे स्वामी और दाता हैं।
भक्ति मेरा जीवन है, भक्तो से तेरा नाता : साधक के जीवन का आधार भक्ति है और हरिजन से ही उसका सबंध है।
मैं तेरी शरण में हूँ, तू हैं मेरा रखवाला : जीवात्मा ईश्वर की शरण में है और ईश्वर ही उसका रखवाला है।
तुने मुझे भक्ति के सागर में डूबोया है : हे स्वामी आपकी कृपा से ही मैं भक्ति के सागर में डूबी हूँ। भक्ति के सागर में डूबने से आशय है की समस्त मायाजनित विकार स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं।
टूटे हुए मोती को माला में पिरोया हैं : आपने ही इस मोती को पुनः माला में पिरोया है। हृदय में जीवात्मा है जो पूर्ण परमात्मा का अंश है। जैसे मोती का आधार माला है ऐसे ही साधक पुनः अपने स्वामी से मिलता है।
मैं रूप हूँ मीरा का, तू है मेरा गोपाला : साधक/जीवात्मा मीरा के समान अनन्य कृष्ण भक्त है और उसके स्वामी ही गोपाल हैं।
श्री कृष्ण को गोपाल की उपाधि इंद्र भगवान् ने दी थी। श्री कृष को हृषिकेश क्यों कहते हैं ?
Tere Naam Ki Dhun Laagi - Jai Shri Krishna
Tere Naam Kee Dhun Laagee, Man Hai Tera Matavaala,
Main Taan Hoon Muralee Kee, Too Mohan Muralee Vaala.
Too Hee Mera Svaamee Hain, Too Hee Hai Mera Daata,
Bhakti Mera Jeevan Hai, Bhakto Se Tera Naata,
Main Teree Sharan Mein Hoon, Too Hain Mera Rakhavaala .
Tune Mujhe Bhakti Ke Saagar Mein Dooboya Hai,
Toote Hue Motee Ko Maala Mein Piroya Hain,
Main Roop Hoon Meera Ka, Too Hai Mera Gopaala.
Main Taan Hoon Muralee Kee, Too Mohan Muralee Vaala.
Too Hee Mera Svaamee Hain, Too Hee Hai Mera Daata,
Bhakti Mera Jeevan Hai, Bhakto Se Tera Naata,
Main Teree Sharan Mein Hoon, Too Hain Mera Rakhavaala .
Tune Mujhe Bhakti Ke Saagar Mein Dooboya Hai,
Toote Hue Motee Ko Maala Mein Piroya Hain,
Main Roop Hoon Meera Ka, Too Hai Mera Gopaala.