वृंदावन जाऊँगी सखी लिरिक्स Vrindavan Jaungi Sakhi Barsane Lyrics Krishna Bhajan by Shri Devkinandan Thakur Ji Maharaj
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
छोड़ दिया भोजन पानी,
श्याम की याद में,
मेरे नैनन बरसे नीर,
सखी, वृंदावन जाऊँगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
नैन लड़े गिरधर से,
मैं तो पागल कर डारि,
तोहे कैसे दिखाऊं दिल चीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
श्याम सलोनी साँवली सूरत,
के दर्शन करके,
मेरो मनवा पावे धीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
बरसाने जाऊँगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
छोड़ दिया भोजन पानी,
श्याम की याद में,
मेरे नैनन बरसे नीर,
सखी, वृंदावन जाऊँगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
नैन लड़े गिरधर से,
मैं तो पागल कर डारि,
तोहे कैसे दिखाऊं दिल चीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
श्याम सलोनी साँवली सूरत,
के दर्शन करके,
मेरो मनवा पावे धीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
Mere Uthe Virah Ki Peer Sakhi || मेरे उठे विरह की पीर सखी वृंदावन जाउंगी || Live Bhajan
वृंदावन जाऊँगी सखी बरसाने जाऊँगी
मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी
वृंदावन जाऊँगी सखी बरसाने जाऊँगी
श्याम सलोनी सूरत पे दीवानी हो गई
अब कैसे धरूँधीर वृंदावन जाऊँगी
मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी
छोड़दिया भोजन पानी श्याम की याद में
मेरे नैनन बरसे नीर वृंदावन जाऊँगी
मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी
मैंन लड़े गिरधारी से मैं तो पागल हो गई
दुनियासे होगई अंजानी वृंदावन जाऊँगी
मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी
इस दुनिया के रिश्ते नाते सबही तोड़ दिए
कैसे दिखाऊँ दिल चीर वृंदावन जाऊँगी
मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी