नैन लड़े गिरधर से, मैं तो पागल कर डारि, तोहे कैसे दिखाऊं दिल चीर, सखी वृंदावन जाऊंगी। वृंदावन जाऊँगी सखी,
Devendra Pathak Ji Bhajan Lyrics Hindi,Krishna Bhajan Lyrics Hindi
बरसाने जाऊँगी। मेरे उठे विरह में पीर, सखी वृंदावन जाऊंगी।
श्याम सलोनी साँवली सूरत, के दर्शन करके, मेरो मनवा पावे धीर, सखी वृंदावन जाऊंगी। वृंदावन जाऊँगी सखी, बरसाने जाऊँगी। मेरे उठे विरह में पीर, सखी वृंदावन जाऊंगी।
Mere Uthe Virah Ki Peer Sakhi || मेरे उठे विरह की पीर सखी वृंदावन जाउंगी || Live Bhajan
वृंदावन जाऊँगी सखी बरसाने जाऊँगी मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी वृंदावन जाऊँगी सखी बरसाने जाऊँगी श्याम सलोनी सूरत पे दीवानी हो गई अब कैसे धरूँधीर वृंदावन जाऊँगी मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी छोड़दिया भोजन पानी श्याम की याद में मेरे नैनन बरसे नीर वृंदावन जाऊँगी मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी मैंन लड़े गिरधारी से मैं तो पागल हो गई दुनियासे होगई अंजानी वृंदावन जाऊँगी मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी इस दुनिया के रिश्ते नाते सबही तोड़ दिए कैसे दिखाऊँ दिल चीर वृंदावन जाऊँगी मेरे उठे विरह में पीर वृंदावन जाऊंगी
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