मुझको मैया समझ ना आये कौन सा ऐसा करूँ उपाय
मुझको मैया समझ ना आये कौन सा ऐसा करूँ उपाय
(मुखड़ा)
मुझको मैया समझ न आए,
कौन सा ऐसा करूँ उपाय,
मुझको तू बेटा बुलाने लगे,
मुझको तू बेटा बुलाने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
(अंतरा)
कौन सा ऐसा काम करूँ जो,
तेरी नजरों में चढ़ जाए,
तेरे लाड़लों में एक, मैया,
मेरा नाम भी जुड़ जाए।
मुझपे तू ममता लुटाने लगे,
मुझपे तू ममता लुटाने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
अवगुण और अज्ञान भरा है,
दिल में इसे मिटा दे तू,
आँखों के आगे माया का पर्दा,
पड़ा है इसे हटा दे तू।
मुझको नजर तू आने लगे,
मुझको नजर तू आने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
स्वार्थ का संसार है, मैया,
झूठी प्रीत लगाता है,
मैं तो बस इतना चाहूँ जो,
मेरा तुमसे नाता है।
नाता ‘सोनू’ से निभाने लगे,
नाता ‘सोनू’ से निभाने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
मुझको मैया समझ न आए,
कौन सा ऐसा करूँ उपाय,
मुझको तू बेटा बुलाने लगे,
मुझको तू बेटा बुलाने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
मुझको मैया समझ न आए,
कौन सा ऐसा करूँ उपाय,
मुझको तू बेटा बुलाने लगे,
मुझको तू बेटा बुलाने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
(अंतरा)
कौन सा ऐसा काम करूँ जो,
तेरी नजरों में चढ़ जाए,
तेरे लाड़लों में एक, मैया,
मेरा नाम भी जुड़ जाए।
मुझपे तू ममता लुटाने लगे,
मुझपे तू ममता लुटाने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
अवगुण और अज्ञान भरा है,
दिल में इसे मिटा दे तू,
आँखों के आगे माया का पर्दा,
पड़ा है इसे हटा दे तू।
मुझको नजर तू आने लगे,
मुझको नजर तू आने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
स्वार्थ का संसार है, मैया,
झूठी प्रीत लगाता है,
मैं तो बस इतना चाहूँ जो,
मेरा तुमसे नाता है।
नाता ‘सोनू’ से निभाने लगे,
नाता ‘सोनू’ से निभाने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
मुझको मैया समझ न आए,
कौन सा ऐसा करूँ उपाय,
मुझको तू बेटा बुलाने लगे,
मुझको तू बेटा बुलाने लगे,
मेरे घर भी तू आने जाने लगे।।
किस्मत अच्छी है तभी सुन रहे हो ये भजन !! Mata Rani Bhajan By Shrinivas Sharma
माँ भगवती उसे अपना सच्चा पुत्र मान लें। भक्त माँ की कृपा पाने के लिए आत्मशुद्धि और भक्ति का मार्ग अपनाना चाहता है। संसार की झूठी मोह-माया को त्यागकर केवल माँ से सच्चा नाता जोड़ना चाहता है। भक्त यह प्रार्थना करता है कि माँ उसके घर भी आएं और उसे अपने प्रेम और आशीर्वाद से वंचित न करें।