बुढ़ापे बैरी कौण सुणेगा तेरी बात भजन Budhape Bairi Koun Sunega
जीवन का अंतिम सत्य और सुन्दर सत्य है की एक रोज़ मृत्यु आनी है। मृत्यु से पहले बुढ़ापा सभी को आना है जो कष्टदाई होता है क्योंकि हम दूसरों पर आश्रित हो जाते हैं, शरीर साथ देना बंद कर देता है। मृत्यु सुन्दर सत्य है क्योंकि जैसा भी अच्छा, बुरा - भला यह जीवन एक रोज समाप्त हो जाना है और एक नए सिरे से शुरआत होनी है। इसलिए अभी से ऐसे कुछ कार्य कर लेने चाहिए जो आगे चलकर आपको कुछ शान्ति दे सके, हरी सुमिरण एक बेहतरीन विकल्प है। इस हरियाणवी भाषा के भजन का हिंदी अर्थ निचे दिया गया है।
बुढ़ापे बैरी,
कौण सुणेगा तेरी बात,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
आया बुढ़ापा कान में कह ग्या,
तीन पते की बात,
मीठा बोलिए ले के चलिए,
लाठी दे दी हाथ,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
बेटी तै घर बार चली जा,
बेटे बहूआ के हाथ,
खाण पीवण कौण देवेगा,
न्यूं तुड़ाया गात,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
पायाँ तै चाल्यां ना जाता,
कान सुणे ना बात,
आंख्यां त कम दिखण लागया,
दिन सुझे ना रात,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
चार जणे तने ले क चालै,
गुसा पूळा साथ,
कहत कबीर सुणो भई साधो,
जळ बळ होगी राख,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
बुढ़ापे बैरी,
कौण सुणेगा तेरी बात।
कौण सुणेगा तेरी बात,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
आया बुढ़ापा कान में कह ग्या,
तीन पते की बात,
मीठा बोलिए ले के चलिए,
लाठी दे दी हाथ,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
बेटी तै घर बार चली जा,
बेटे बहूआ के हाथ,
खाण पीवण कौण देवेगा,
न्यूं तुड़ाया गात,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
पायाँ तै चाल्यां ना जाता,
कान सुणे ना बात,
आंख्यां त कम दिखण लागया,
दिन सुझे ना रात,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
चार जणे तने ले क चालै,
गुसा पूळा साथ,
कहत कबीर सुणो भई साधो,
जळ बळ होगी राख,
बुढ़ापा बैरी,
कौन सुनेगा तेरी बात।
बुढ़ापे बैरी,
कौण सुणेगा तेरी बात।
बुढ़ापे बैरी, कौण सुणेगा तेरी बात : बुढ़ापा बैरी (शत्रु) है क्योंकि इस अवस्था में शरीर मन मस्तिष्क का कहना मानना छोड़ देता है। नित्य प्रतिदिन के कार्य भी दूभर होने लगते हैं। ऐसी अवस्था में तेरी बात कौन सुनेगा।
आया बुढ़ापा कान में कह ग्या, तीन पते की बात : बुढ़ापा आया और वह कान में तीन जरुरी बातें कह गया है।
मीठा बोलिए ले के चलिए, लाठी दे दी हाथ : सभी से मीठा बोलो और लाठी हाथ में रखो क्योंकि अब बिना सहारे के चला नहीं जाएगा।
बेटी तै घर बार चली जा, बेटे बहूआ के हाथ : बेटी तो विवाह के उपरान्त अगले घर को चली जाती है और बहु के हाथ में ही घर परिवार की डोर होती है।
खाण पीवण कौण देवेगा, न्यूं तुड़ाया गात : तुम्हे खाने पीने कौन देगा और तुम यूँ ही अपने शरीर को तोड़ रहे हो।
पायाँ तै चाल्यां ना जाता, कान सुणे ना बात : पाँव से चला नहीं जाएगा और कानों से बात सुननी बंद हो जानी है। गात-शरीर
आंख्यां त कम दिखण लागया, दिन सुझे ना रात : आँखों से दिखाई देना कम हो जाएगा और दिन और रात का अंतर भी नहीं रहेगा।
चार जणे तने ले क चालै, गुसा पूळा साथ : अंतिम समय में चार जने तुमको लेकर चलेंगे और पूला (घास फूस - जलाने के लिए, वैसे पूला बाजरे के सिट्टे की कटाई के उपरान्त बचे हुए डंठलों के समूह को कहते हैं )
कहत कबीर सुणो भई साधो, जळ बळ होगी राख : कबीर साहेब कहते हैं क्षण भर में ही तुम्हारी काय जल बल (जलना) कर राख हो जाती है।
आया बुढ़ापा कान में कह ग्या, तीन पते की बात : बुढ़ापा आया और वह कान में तीन जरुरी बातें कह गया है।
मीठा बोलिए ले के चलिए, लाठी दे दी हाथ : सभी से मीठा बोलो और लाठी हाथ में रखो क्योंकि अब बिना सहारे के चला नहीं जाएगा।
बेटी तै घर बार चली जा, बेटे बहूआ के हाथ : बेटी तो विवाह के उपरान्त अगले घर को चली जाती है और बहु के हाथ में ही घर परिवार की डोर होती है।
खाण पीवण कौण देवेगा, न्यूं तुड़ाया गात : तुम्हे खाने पीने कौन देगा और तुम यूँ ही अपने शरीर को तोड़ रहे हो।
पायाँ तै चाल्यां ना जाता, कान सुणे ना बात : पाँव से चला नहीं जाएगा और कानों से बात सुननी बंद हो जानी है। गात-शरीर
आंख्यां त कम दिखण लागया, दिन सुझे ना रात : आँखों से दिखाई देना कम हो जाएगा और दिन और रात का अंतर भी नहीं रहेगा।
चार जणे तने ले क चालै, गुसा पूळा साथ : अंतिम समय में चार जने तुमको लेकर चलेंगे और पूला (घास फूस - जलाने के लिए, वैसे पूला बाजरे के सिट्टे की कटाई के उपरान्त बचे हुए डंठलों के समूह को कहते हैं )
कहत कबीर सुणो भई साधो, जळ बळ होगी राख : कबीर साहेब कहते हैं क्षण भर में ही तुम्हारी काय जल बल (जलना) कर राख हो जाती है।
बुढ़ापे बैरी कौन सुनेगा तेरी बात || Narender Kaushik || Super Hit Bhajan
Budhaape Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Aaya Budhaapa Kaan Mein Kah Gya,
Tin Pate Ki Baat,
Mitha Bolie Le Ke Chalie,
Laathi De Di Haath,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Beti Tai Ghar Baar Chali Ja,
Bete Bahua Ke Haath,
Khaan Pivan Kaun Devega,
Nyun Tudaaya Gaat,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Paayaan Tai Chaalyaan Na Jaata,
Kaan Sune Na Baat,
Aankhyaan Ta Kam Dikhan Laagaya,
Din Sujhe Na Raat,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Chaar Jane Tane Le Ka Chaalai,
Gusa Pula Saath,
Kahat Kabir Suno Bhi Saadho,
Jal Bal Hogi Raakh,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Budhaape Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Kaun Sunega Teri Baat,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Aaya Budhaapa Kaan Mein Kah Gya,
Tin Pate Ki Baat,
Mitha Bolie Le Ke Chalie,
Laathi De Di Haath,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Beti Tai Ghar Baar Chali Ja,
Bete Bahua Ke Haath,
Khaan Pivan Kaun Devega,
Nyun Tudaaya Gaat,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Paayaan Tai Chaalyaan Na Jaata,
Kaan Sune Na Baat,
Aankhyaan Ta Kam Dikhan Laagaya,
Din Sujhe Na Raat,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Chaar Jane Tane Le Ka Chaalai,
Gusa Pula Saath,
Kahat Kabir Suno Bhi Saadho,
Jal Bal Hogi Raakh,
Budhaapa Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Budhaape Bairi,
Kaun Sunega Teri Baat.
Author - Saroj Jangir
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