चरखा रो भेद बता दे रै मीनिंग Charakha Ro Bhed Bata De Re

चरखा रो भेद बता दे रै मीनिंग Charakha Ro Bhed Bata De Re (Ulatbasi Bhajan) Meaning

 
चरखा रो भेद बता दे रै लिरिक्स मीनिंग Charakha Ro Bhed Bata De Re Lyrics Meaning

चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोय,
दो पाटन के बिच में, साबुत बचा ना कोय,
मर जासी तू मानवी, लेसी कनगति तोड़,
वन जायो उड़ जावसी,
थारी जमी थारी जमी रवेला ठोड,
चरखा रो भेद बता दे रै,
कातण वाली नार,
कातण वाली नार सुन्दरी,
ओ कातण वाली नार।

वन जायो वन ऊपन्यो रै,
वन में कीन्हो वास,
एक अचम्भो ऐड़ो देख्यो,
बेटी जायो बाप,
चरखा रो भेद बता दे,
चरखा रो भेद बता दे रै,
कातण वाली नार,
कातण वाली नार सुन्दरी,
ओ कातण वाली नार।

बेटी कहवे बाप ने रै,
अणजायो वर लाव,
अणजायो वर, ना मिले तो,
थारो म्हारो ब्याव,
चरखा रो भेद बता दे रै,
कातण वाली नार,
कातण वाली नार सुन्दरी,
ओ कातण वाली नार।

देराणी घर मांडो रचियो,
जेठाणी घर ब्याव,
देवरिया रे ब्याव में रै,
नणदल फेरा खाय,
चरखा रो भेद बता दे रै,
कातण वाली नार,
कातण वाली नार सुन्दरी,
ओ कातण वाली नार।

सासु मरज्योसुसरो मरजो ,
परन्योडो मर जाय,
मत मरजो खाती रो बेटो,
ओ चरखो दियो रे बणाय,
चरखा रो भेद बता दे रै,
कातण वाली नार,
कातण वाली नार सुन्दरी,
ओ कातण वाली नार।

चरखों म्हारों राय रंगीलो,
पूणी लाल गुलाल,
कातण वाली नार सुंदरी,
लुळ लुळ काते तार,
चरखा रो भेद बता दे रै,
कातण वाली नार,
कातण वाली नार सुन्दरी,
ओ कातण वाली नार।

चरखो चरखो सब कहे रै,
चरखो लखियो ना जाय,
चरखो लखियो दास कबिरे,
आवागमन मिट जाय,
चरखा रो भेद बता दे रै,
कातण वाली नार,
कातण वाली नार सुन्दरी,
ओ कातण वाली नार।

चरखा रो भेद बता दे रै लिरिक्स मीनिंग

चरखा रो भेद बता दे रै, कातण वाली नार : यह भजन कबीर साहेब की उलटबासी से प्रेरित है जिसमे चरखा को आधार बना कर इसके रहस्य की और ध्यान आकृष्ट किया है। इस जीवात्मा से वार्ता है की तन रूपी इस चरखे का भेद क्या है। साँसों के माध्यम से इसे आत्मा ही संचालित करती है। इसलिए इसका भेद क्या है ?
कातण वाली नार सुन्दरी, ओ कातण वाली नार : जीवात्मा ही चरखे को कातने वाली सुंदरी नार है। प्राण शक्ति इस चरखे में सूत को कातने का कार्य करती है।
वन जायो वन ऊपन्यो रै, वन में कीन्हो वास : वन से आशय धरती से है। धरती के निचे जल भरा है और जमीन के ऊपर थल भाग है। बुद्धि पहले आती है और इसके उपरान्त ज्ञान की प्राप्ति संभव हो पाती है। वन उपजने से आशय है की ज्ञान की प्राप्ति का सहज हो जाना।
एक अचम्भो ऐड़ो देख्यो, बेटी जायो बाप : अत्यंत ही आश्चर्य की बात है की बेटी ने पुत्र के  रूप में अपने ही पिता को जनम दिया है।
बेटी कहवे बाप ने रै, अणजायो वर लाव : बेटी अपने बाप से कहती है की मेरे लिए कोई ऐसा वर लाकर दीजिये जो जनम मरण से परे हो। यहाँ भाव निराकार गुरु के ज्ञान से है। गुरु का ज्ञान प्रकट नहीं होता है वह छुपा हुआ होता है।
अणजायो वर, ना मिले तो, थारो म्हारो ब्याव : यदि ऐसा सम्भव नहीं होता है तो तुम्हारा और मेरा विवाह होगा। भाव है की यदि गुरु के ज्ञान को प्राप्त नहीं किया जाए तो जनम मरण का चक्र अनवरत रूप से चलता ही रहेगा।
देराणी घर मांडो रचियो जेठाणी घर ब्याव : ड्योरानी और जेठाणी से आशय सुमति और कुमति से है। देवर मन है जो नणदल रूपी आत्मा को भटका रहा है।
देवरिया रे ब्याव में रै, नणदल फेरा खाय:  देवर के विवाह में ननद फेरा खा रही है, वह उसे मार्ग से विमुख कर रही है।
सासु मरज्योसुसरो मरजो परन्योडो मर जाय : सासु और मेरा पति सभी जार जाएं क्योंकि ये विषय विकारों के प्रतीक हैं। काम क्रोध, मद मोह माया ही सासु ससुर और भरतार हैं।
मत मरजो खाती रो बेटो : जिसने इस चरखे को बनाया है, जो पूर्ण ब्रह्म है वह सदा ही स्थापित रहना चाहिए।
ओ चरखो दियो रे बणाय : जिसने यह चरखा बनाया है। 
चरखों म्हारों राय रंगीलो, पूणी लाल गुलाल : यह तन रूपी चरखा रंग बिरंगा है और इसकी पूनी लाल गुलाबी है।
कातण वाली नार सुंदरी, लुळ लुळ काते तार: सूत को कातने वाली नारी अत्यंत ही सुन्दर होती है जो झुक झुक कर सूत के तार को कातने का कार्य करती है।
चरखो चरखो सब कहे रै, चरखो लखियो ना जाय : इस चरखे के विषय में सभी बातें करते हैं लेकिन कोई भी इस विषय में पूर्ण रूप से नहीं जान पाता है।
चरखो लखियो दास कबिरे, आवागमन मिट जाय : चरखे को जो कोई भी गहनता से जान लेता है उसका आवागमन मिट जाता है। 

Chalatee Chakkee Dekh Ke, Diya Kabeera Roy,
Do Paatan Ke Bich Mein, Saabut Bacha Na Koy,
Mar Jaasee Too Maanavee, Lesee Kanagati Tod,
Van Jaayo Ud Jaavasee,
Thaaree Jamee Thaaree Jamee Ravela Thod,
Charakha Ro Bhed Bata De Rai,
Kaatan Vaalee Naar,
Kaatan Vaalee Naar Sundaree,
O Kaatan Vaalee Naar.

Van Jaayo Van Oopanyo Rai,
Van Mein Keenho Vaas,
Ek Achambho Aido Dekhyo,
Betee Jaayo Baap,
Charakha Ro Bhed Bata De,
Charakha Ro Bhed Bata De Rai,
Kaatan Vaalee Naar,
Kaatan Vaalee Naar Sundaree,
O Kaatan Vaalee Naar.

Betee Kahave Baap Ne Rai,
Anajaayo Var Laav,
Anajaayo Var, Na Mile To,
Thaaro Mhaaro Byaav,
Charakha Ro Bhed Bata De Rai,
Kaatan Vaalee Naar,
Kaatan Vaalee Naar Sundaree,
O Kaatan Vaalee Naar.

Deraanee Ghar Maando Rachiyo,
Jethaanee Ghar Byaav,
Devariya Re Byaav Mein Rai,
Nanadal Phera Khaay,
Charakha Ro Bhed Bata De Rai,
Kaatan Vaalee Naar,
Kaatan Vaalee Naar Sundaree,
O Kaatan Vaalee Naar.

Saasu Marajyosusaro Marajo ,
Paranyodo Mar Jaay,
Mat Marajo Khaatee Ro Beto,
O Charakho Diyo Re Banaay,
Charakha Ro Bhed Bata De Rai,
Kaatan Vaalee Naar,
Kaatan Vaalee Naar Sundaree,
O Kaatan Vaalee Naar.

Charakhon Mhaaron Raay Rangeelo,
Poonee Laal Gulaal,
Kaatan Vaalee Naar Sundaree,
Lul Lul Kaate Taar,
Charakha Ro Bhed Bata De Rai,
Kaatan Vaalee Naar,
Kaatan Vaalee Naar Sundaree,
O Kaatan Vaalee Naar.

Charakho Charakho Sab Kahe Rai,
Charakho Lakhiyo Na Jaay,
Charakho Lakhiyo Daas Kabire,
Aavaagaman Mit Jaay,
Charakha Ro Bhed Bata De Rai,
Kaatan Vaalee Naar,
Kaatan Vaalee Naar Sundaree,
O Kaatan Vaalee Naar.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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