दीठा है तो कस कहूँ मीनिंग कबीर के दोहे

दीठा है तो कस कहूँ मीनिंग Deetha Hai To Kas Kahu Meaning Kabir Ke Dohe, Kabir Ke Dohe Hindi Meaning

दीठा है तो कस कहूँ, कह्या न को पतियाइ।
हरि जैसा है तैसा रहौ, तूं हरिषि हरिषि गुण गाइ॥

Deetha Hai To Kas Kahu, Kaha Na Ko Patiyaai,
Hari Jaisa Hai Taisa Raho, Tu Harikhi Harikhi Gun Gaai.

दीठा है : देखा है तो.
तो कस कहूँ : तो मैं कैसे कहूँ.
कह्या न को पतियाइ : कहने पर कोई विश्वास नहीं करेगा.
हरि जैसा है तैसा रहौ : हरी जैसा है वह वैसे ही रहे.
तूं हरिषि हरिषि गुण गाइ : तुम प्रसन्न होकर हरी के गुण गाओ.

परमात्मा के विषय में साहेब का वर्णन है की यदि परमात्मा को देखा भी है तो उसका वर्णन करने पर कोई यकीन भी नहीं करता है. जिसने देखा है वह उसका वर्णन कर सकता है लेकिन जिसने परमात्मा की अनुभूति नहीं की है, वह कैसे उसका यकीन कर सकता है. इसलिए कबीर साहेब की वाणी है की इश्वर जैसा है उसे वैसा ही रहने दिया जाए, उसके आकार, प्रकार के स्थान पर हरी के नाम का सुमिरण करना ही लाभदाई है.
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