तेरे स्वागत में मैया जी मैंने पलके बिछाई

तेरे स्वागत में मैया जी मैंने पलके बिछाई

(मुखड़ा)
तेरे स्वागत में मैया जी,
मैंने पलकें बिछाई हैं,
मैंने पलकें बिछाई हैं,
मैंने पलकें बिछाई हैं,
चली आओ मेरी मैया,
घड़ी शुभ फिर से आई है,
तेरे स्वागत में मैया जी,
मैंने पलकें बिछाई हैं।।

(अंतरा)
मिली थी जो खुशी मुझको,
बिछाई राहों में तेरी,
कदम मेरे घर में रख दो माँ,
सही जाए ना अब देरी,
मेरी तक़दीर में फिर से,
तुम्हारी सेवा आई है,
चली आओ मेरी मैया,
घड़ी शुभ फिर से आई है,
तेरे स्वागत में मैया जी,
मैंने पलकें बिछाई हैं।।

तुम्हारी कृपा से मैया,
अभी तक जो भी पाया है,
मिलाकर प्यार उसमें माँ,
भोग तेरा बनाया है,
जरा विश्राम कर लेना,
तेरी चौकी सजाई है,
चली आओ मेरी मैया,
घड़ी शुभ फिर से आई है,
तेरे स्वागत में मैया जी,
मैंने पलकें बिछाई हैं।।

सजा कर रख लूँगा मैया,
निशानी तेरे चरणों की,
दरश से तेरे मैया जी,
मिटेगी प्यास जन्मों की,
जयंत और मंत्री ने मैया,
आस कब से लगाई है,
चली आओ मेरी मैया,
घड़ी शुभ फिर से आई है,
तेरे स्वागत में मैया जी,
मैंने पलकें बिछाई हैं।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
तेरे स्वागत में मैया जी,
मैंने पलकें बिछाई हैं,
मैंने पलकें बिछाई हैं,
मैंने पलकें बिछाई हैं,
चली आओ मेरी मैया,
घड़ी शुभ फिर से आई है,
तेरे स्वागत में मैया जी,
मैंने पलकें बिछाई हैं।।
 


स्वागत माँ का ! swagat maa Ka ! Dwarka Mantri ! Mata Bhajan
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