जग सपना री बाजी भजन लिरिक्स

जग सपना री बाजी भजन लिरिक्स Jag Sapana Ree Baaji Lyrics Rajasthani Kabir Bhajan by Anil Nagori

घंटी लारली बाजी से आशय है की यह जीवन समाप्त होने को है और आगे से यमदूत का कॉउंटडाउन शुरू हो चूका है। वह किसी भी क्षण तुम्हे लेने को आ सकता है। यही इस जीवन की अंतिम सच्चाई है जो कड़वी होने के साथ खूबसूरत भी है। यह जीवन जैसा भी हो एक रोज समाप्त हो ही जाना है, अच्छा हो या बुरा। कबीर साहेब की वाणी से प्रेरित इस भजन का मुख्य सन्देश भी यही है की भाई हमारे जाओ, चेतो यह जीवन समाप्त होने को है। जीवन एक क्षणिक सपने जैसा ही है जिसमे जीव तमाम मानसिक क्रियाएं करता है यथा वह सपने में राजा बन बैठता है जबकि स्वामी तो कोई और ही होता है। कितने भी ऐश आराम जुटा लिए जाए, तरह तरह का भोजन ग्रहण कर लिया जाय फिर भी काल का चक्र तो घूमना ही है। 
 
Jag Sapana Ree Baaji Lyrics Rajasthani Kabir Bhajan by Anil Nagori

कबीर हम सब पैदा हुए,
और जग हँसा हम रोय,
ऐसी करनी कर चलो,
हम हँसे जग रोय।
तेज सके तो चेत बावळा,
घंटी लारली बाजी,
बीरा म्हारां जग सपना री बाजी।

सपने रंक राजा बण बैठ्यो,
घर हस्ती सुर ताजी,
बतरस भोजन थाल सोवणा,
भाँत भाँत री भाजी,
ओ बीरा म्हारां जग सपना री बाजी।

सपने पुत्र बांझड़ी जायो,
मंगल गायो हुई राजी,
जाग उठी जब बुद्धि निपूती,
घणा ऊदासी मांझी,
ओ बीरा म्हारां जग सपना री बाजी।

वेद पुराण और भागवत गीता,
पढ़ रहे पंडित काजी,
देव लोक देव और दानव,
बड़े बड़े राजाजी,
ओ बीरा म्हारां जग सपना री बाजी।

रजू में सरप सीप में रूपा,
यूँ जग मीथ्या बाजी,
चरण दास संता रे शरणे,
राम भजो सो राजी,
ओ बीरा म्हारां जग सपना री बाजी।
तेज सके तो चेत बावळा,
घंटी लारली बाजी,
बीरा म्हारां जग सपना री बाजी। 
 

Anil Nagori जग सपने की बाजी घंटी पिछली बाजी  भगवान की आखरी चेतावनी jag sapne ki baji

Kabir Ham Sab Paida Hue,
Aur Jag Hansa Ham Roy,
Aisi Karani Kar Chalo,
Ham Hanse Jag Roy.
Tej Sake To Chet Baavala,
Ghanti Laarali Baaji,
Bira Mhaaraan Jag Sapana Ri Baaji.

Sapane Rank Raaja Ban Baithyo,
Ghar Hasti Sur Taaji,
Bataras Bhojan Thaal Sovana,
Bhaant Bhaant Ri Bhaaji,
O Bira Mhaaraan Jag Sapana Ri Baaji.

Sapane Putr Baanjhadi Jaayo,
Mangal Gaayo Hui Raaji,
Jaag Uthi Jab Buddhi Niputi,
Ghana udaasi Maanjhi,
O Bira Mhaaraan Jag Sapana Ri Baaji.

Ved Puraan Aur Bhaagavat Gita,
Padh Rahe Pandit Kaaji,
Dev Lok Dev Aur Daanav,
Bade Bade Raajaaji,
O Bira Mhaaraan Jag Sapana Ri Baaji.

Raju Mein Sarap Sip Mein Rupa,
Yun Jag Mithya Baaji,
Charan Daas Santa Re Sharane,
Raam Bhajo So Raaji,
O Bira Mhaaraan Jag Sapana Ri Baaji.
Tej Sake To Chet Baavala,
Ghanti Laarali Baaji,
Bira Mhaaraan Jag Sapana Ri Baaji.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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