झूठ बराबर पाप नहीं सै साँच बराबर तप कोन्यां लिरिक्स मीनिंग Jhooth Barabar Paap Nahi Hai Lyrics Meaning

झूठ बराबर पाप नहीं सै साँच बराबर तप कोन्यां लिरिक्स मीनिंग Jhooth Barabar Paap Nahi Hai Lyrics Meaning, Rajasthani Bhajan by Anil Nagori

यह मारवाड़ी भजन है जो की चेतावनी भजन है जिसमे सन्देश है की राम के नाम के सुमिरण से बड़ा कोई अन्य जप नहीं है। जैसा की कबीर साहेब ने अपनी वाणियों में कहा है की समस्त भक्ति माध्यमों में, प्रचलित भक्ति मार्गों में सुमिरण ही भक्ति का सार है। इस राजस्थानी भजन का हिंदी अर्थ/हिंदी मीनिंग निचे दिया गया है।
साँच बराबर तप नहीं,
और झूठ बराबर पाप,
जाके हृदय साँच है,
प्रभु ताके हृदय आप।

झूठ बराबर पाप नहीं सै,
साँच बराबर तप कोन्यां, रे भाई,
साँच बराबर तप कोन्यां,
राम नाम के नाम बराबर,
और दूसरा जप कोन्यां।


सप्तऋषि सा ऋषि नहीं सै,
वेदव्यास सा ज्ञानी नहीं,
रे भाई, वेदव्यास सा ज्ञानी नहीं,
हरीशचंद्र सा भूप नहीं सै,
सीता सी महाराणी नहीं,
शिव दधिची हरिश्चंद्र और,
कर्ण सरिसा दानी नहीं।
रावण सा अभिमानी कोन्या ,
लंका सी रजधानी नहीं,
सकल श्रृष्टि का भार धरणीयां,
शेषनाग सा सर्प कोन्या,
रे भाई, शेषनाग सा सर्प कोन्या,
राम नाम के नाम बराबर,
और दूसरा जप कोन्यां।

चंद्र सरिसा शील नहीं सै,
सूरज सा प्रकाश नहीं,
सात दीप नौ खंड बीच में,
स्वर्गपुरी सा वास नहीं,
काम क्रोध मद लोभ जीतियाँ,
ऋषियों सा सन्यास नहीं,
बांदर कुळ में जनम लेके,
हनुमत जैसा दास नहीं,
पृध्वी जैसा धीर नहीं सै,
आसमान सा चुप कोन्या,
रे भाई, आसमान सा चुप कोन्या,
राम नाम के नाम बराबर,
और दूसरा जप कोन्यां।

वेद जैसा ग्रन्थ नहीं सै,
गीता जैसा ज्ञान नहीं,
रे भाई, गीता जैसा ज्ञान नहीं,
गंगा जैसा नीर नहीं सै,
अन्न दान सा दान नहीं,
तानसेन सा गायक नहीं है,
काळ सा बलवान नहीं,
महाभारत सा युद्ध नहीं है,
बाली सा वरदान नहीं,
ध्रुव जैसा अटल नहीं सै,
कल्प समान वृक्ष कोन्या,
रे भाई, कल्प समान वृक्ष कोन्या,
राम नाम के नाम बराबर,
और दूसरा जप कोन्यां।

आजकल का ढंग बिगड़ग्यां,
कोनी वक्त सच्चाई का,
रे भाई, कोनी वक्त सच्चाई का,
धोखा देकर गला काट दे,
सग्गे भाई, भाई का,
भीतर दिल में खोट भरया सै,
ऊपर काम सफाई का,
रे  भाई,ऊपर काम सफाई का,
हरी नारायण शर्मा कहता,
कोनी वक्त सच्चाई का,
बैरी दुश्मन फ़ैल गया जग में,
आपस में सम्पत कोन्या,
रे भाई, आपस में सम्पत कोन्या,
राम नाम के नाम बराबर,
और दूसरा जप कोन्यां।

झूठ बराबर पाप नहीं सै,
साँच बराबर तप कोन्यां, रे भाई,
साँच बराबर तप कोन्यां,
राम नाम के नाम बराबर,
और दूसरा जप कोन्यां। 

झूठ बराबर पाप नहीं सै साँच बराबर तप कोन्यां भजन मीनिंग Jhooth Barabar Paap Nahi Hai Bhajan Meaning (Rajasthani/Marwadi Bhajan

साँच बराबर तप नहीं,  और झूठ बराबर पाप : ज्ञानीजन की वाणी है की सत्य ही तप है। सत्य के समान कोई अन्य तप नहीं है और झूठ के बराबर कोई पाप नहीं है।
जाके हृदय साँच है, प्रभु ताके हृदय आप : जिनके हृदय में सत्य है वहां पर आप (ईश्वर) स्वतः ही हैं।
झूठ बराबर पाप नहीं सै, साँच बराबर तप कोन्यां, रे भाई : झूठ के बराबर कोई पाप नहीं है और सत्य की तुलना में कोई तप नहीं है। कोन्या-नहीं है /कोणी/कोनी।
साँच बराबर तप कोन्यां, राम नाम के नाम बराबर सत्य के बराबर कोई तप नहीं है। 
और दूसरा जप कोन्यां : अन्य कोई जप नहीं है। जप-हरी के नाम का बारम्बार सुमिरण करना।
सप्तऋषि सा ऋषि नहीं सै, वेदव्यास सा ज्ञानी नहीं : सप्तऋषि जैसे दूसरे ऋषि नहीं हैं और वेदव्यास जैसा कोई ग्यानी नहीं है। सै -है।
हरीशचंद्र सा भूप नहीं सै, सीता सी महाराणी नहीं : राजा हरिश्चंद्र जैसा राजा, सीता जैसी महारानी अन्य कोई नहीं हो सकता है।
शिव दधिची हरिश्चंद्र और, कर्ण सरिसा दानी नहीं : शिव दधिची राजा हरिश्चंद्र और कर्ण जैसा कोई दानी नहीं हो सकता है।
रावण सा अभिमानी कोन्या : रावण जैसा कोई अहम् (मैं भाव), रखने वाला, घमंडी नहीं हो सकता है।
लंका सी रजधानी नहीं : लंका जैसी राजधानी अन्य कोई दूसरी नहीं हो सकती है।
सकल श्रृष्टि का भार धरणीयां, शेषनाग सा सर्प कोन्या : शेषनाग ने अपने ऊपर धरती का बोझ उठा रखा है, अतः शेषनाग जैसा अन्य कोई सर्प नहीं हो सकता है।
चंद्र सरिसा शील नहीं सै, सूरज सा प्रकाश नहीं : चाँद जैसा कोई शील (शीतलता और धैर्य रखने वाला ) नहीं है। वहीँ सूरज जैसा प्रकाश देने वाला नहीं है।
सात दीप नौ खंड बीच में, स्वर्गपुरी सा वास नहीं : सातों द्वीप और नौ खंड के मध्य में स्वर्ग जैसा कोई  अन्य नगर नहीं है।
काम क्रोध मद लोभ जीतियाँ, ऋषियों सा सन्यास नहीं : जिन्होंने इन्द्रियगत विकारों को जीत लिया है यथा काम क्रोध, मद मोह और माया ऐसे ऋषियों के समान अन्य कोई द्वितीय नहीं है।
बांदर कुळ में जनम लेके, हनुमत जैसा दास नहीं : बन्दर/वानर कुल में जन्म लेकर भी श्री हनुमान जी जैसा अन्य कोई राम भक्त नहीं है, राम का सेवक (दास ) नहीं है।
पृथ्वी जैसा धीर नहीं सै, आसमान सा चुप कोन्या : पृथ्वी जैसा कोई धीरज/धैर्य रखने वाला नहीं है और आसमान जैसा ख़ामोश कोई अन्य नहीं है।
वेद जैसा ग्रन्थ नहीं सै, गीता जैसा ज्ञान नहीं : वेद जैसा अन्य कोई ग्रन्थ नहीं है वहीँ ज्ञान प्रदान करने में गीता का (भगवत गीता) का कोई सानी नहीं है।
गंगा जैसा नीर नहीं सै, अन्नदान सा दान नहीं : गंगा के समान कोई जल नहीं है, और अन्न के दान जैसा कोई दूसरा दान नहीं है।
तानसेन सा गायक नहीं है, काळ सा बलवान नहीं : गायको में तानसेन जैसा गायक और काल/समय जैसा कोई बलवान नहीं है।
महाभारत सा युद्ध नहीं है, बाली सा वरदान नहीं : बाली जैसा वरदान देने वाला और महाभारत जैसा युद्ध नहीं है।
ध्रुव जैसा अटल नहीं सै, कल्प समान वृक्ष कोन्या : भगत ध्रुव जैसा कोई अटल नहीं है और कल्प वृक्ष के समान कोई वृक्ष नहीं है।
आजकल का ढंग बिगड़ग्यां, कोनी वक्त सच्चाई का : वर्तमान समय का आचार विचार बिगड़ गया है। सत्य का ज़माना नहीं है।
धोखा देकर गला काट दे, सग्गे भाई, भाई का : धोखे में सगे /रक्त नाते के भाई का गला काट देते हैं।
भीतर दिल में खोट भरया सै, ऊपर काम सफाई का : ऊपर ऊपर ही सफाई है, हृदय में तो खोट भरी पड़ी है।
हरी नारायण शर्मा कहता, कोनी वक्त सच्चाई का : लेखक "हरी नारायण" कहते हैं की सच्चाई का वक़्त ही नहीं है।
बैरी दुश्मन फ़ैल गया जग में, आपस में सम्पत कोन्या : बैर भाव और आपस में द्वेष फ़ैल चला है। आपस में सम्पत/तालमेल नहीं है। 

Anil Nagori झुठ बराबर पाप नही है सांच बराबर तप कोन्या अनिल नागौरी

Saanch Baraabar Tap Nahin,
Aur Jhuth Baraabar Paap,
Jaake Hrday Saanch Hai,
Prabhu Taake Hrday Aap.

Jhuth Baraabar Paap Nahin Sai,
Saanch Baraabar Tap Konyaan, Re Bhai,
Saanch Baraabar Tap Konyaan,
Raam Naam Ke Naam Baraabar,
Aur Dusara Jap Konyaan.

Saptrshi Sa Rshi Nahin Sai,
Vedavyaas Sa Gyaani Nahin,
Re Bhai, Vedavyaas Sa Gyaani Nahin,
Harichand Sa Bhup Nahin Sai,
Sita Si Mahaaraani Nahin,
Shri Daadi Ji Harishchandr Aur,
Karn Sarisa Daani Nahin.
Raavan Sa Abhimaani Konya ,
Lanka Si Rajadhaani Nahin,
Sakal Shrrshti Ka Bhaar Dharaniyaan,
Sheshanaag Sa Sarp Konya,
Re Bhai, Sheshanaag Sa Sarp Konya,
Raam Naam Ke Naam Baraabar,
Aur Dusara Jap Konyaan.

Chandr Sarisa Shil Nahin Sai,
Suraj Sa Prakaash Nahin,
Saat Dip Nau Khand Bich Mein,
Svargapuri Sa Vaas Nahin,
Kaam Krodh Mad Lobh Jitiyaan,
Rshiyon Sa Sanyaas Nahin,
Baandar Kul Mein Janam Leke ,
Hanumat Jaisa Daas Nahin,
Prathvi Jaisa Dhir Nahin Sai,
Aasamaan Sa Chup Konya,
Re Bhai, Aasamaan Sa Chup Konya,
Raam Naam Ke Naam Baraabar,
Aur Dusara Jap Konyaan.

Ved Jaisa Granth Nahin Sai,
Gita Jaisa Gyaan Nahin,
Re Bhai, Gita Jaisa Gyaan Nahin,
Ganga Jaisa Nir Nahin Sai,
Annadaan Sa Daan Nahin,
Taanasen Sa Gaayak Nahin Hai,
Kaal Sa Balavaan Nahin,
Mahaabhaarat Sa Yuddh Nahin Hai,
Baali Sa Varadaan Nahin,
Dhruv Jaisa Atal Nahin Sai,
Kalp Samaan Vrksh Konya,
Re Bhai, Kalp Samaan Vrksh Konya,
Raam Naam Ke Naam Baraabar,
Aur Dusara Jap Konyaan.

Aajakal Ka Dhang Bigadagyaan,
Koni Vakt Sachchai Ka,
Re Bhai, Koni Vakt Sachchai Ka,
Dhokha Dekar Gala Kaat De,
Sagge Bhai, Bhai Ka,
Bhitar Dil Mein Khot Bharaya Sai,
upar Kaam Saphai Ka,
Re  Bhai,upar Kaam Saphai Ka,
Hari Naaraayan Sharma Kahata,
Koni Vakt Sachchai Ka,
Bairi Dushman Fail Gaya Jag Mein,
Aapas Mein Sampat Konya,
Re Bhai, Aapas Mein Sampat Konya,
Raam Naam Ke Naam Baraabar,
Aur Dusara Jap Konyaan.

Jhuth Baraabar Paap Nahin Sai,
Saanch Baraabar Tap Konyaan, Re Bhai,
Saanch Baraabar Tap Konyaan,
Raam Naam Ke Naam Baraabar,
Aur Dusara Jap Konyaan.

3 टिप्पणियां

  1. श्री दादी नहीं है वहां पर शिवी दधिचि है
  2. और इस भजन के लेखक। हरिनारायण शर्मा है
  3. थैंक्स सर :)