कैसे भूलूंगा दादी मैं तेरा उपकार भजन

कैसे भूलूंगा दादी मैं तेरा उपकार भजन

(मुखड़ा)
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार,
ऋणी रहेगा तेरा,
ऋणी रहेगा तेरा हरदम मेरा परिवार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार।।

(अंतरा 1)
घूम रही आँखों के आगे,
बीते कल की तस्वीरें,
नाकामी और मायूसी,
साथी-साथी थे मेरे।
दर-दर भटक रहा था,
दर-दर भटक रहा था,
मैं बेबस और लाचार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार।।

(अंतरा 2)
कभी-कभी तो सोचूं कैसे,
खेता टूटी नैया को,
अगर नहीं बनती तुम मैया,
आकर मेरी खिवैया तो।
डूब ही जाती मेरी,
माँ, डूब ही जाती मेरी,
ये नैया तो मजधार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार।।

(अंतरा 3)
बोझ तेरे अहसानों का,
‘सोनू’ पर इतना ज्यादा है,
कम करने की कोशिश में ये,
और भी बढ़ता जाता है।
माँ, उतर न पाए कर्जा,
कभी उतर न पाए कर्जा,
चाहे लूँ जन्म हजार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार,
ऋणी रहेगा तेरा,
ऋणी रहेगा तेरा हरदम मेरा परिवार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार।।
 


भूल कर भी मत भूलना इस भजन को || RaniSati Dadi Bhajan By Saurabh Madhukar

Rani Sati Dadi Bhajan :- Kaise Bhulunga Dadi Mai Tera Upkaar
Singer : Saurabh-Madhukar
Lyricist : Sunil Gupta (Sonu)
Music Label : Sur Saurabh Industries

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