मनमोहन तुम रूठ गए भजन लिरिक्स Manmohan Tum Rooth Gaye Lyrics, Krishna Bhajan by Balvyas Vivek Ji Maharaj
मनमोहन तुम रूठ गए तो, कौन मेरा जग में,कान्हाँ कौन मेरा जग में,
साथ रहे हो अब ना रहा,
तो कौन मेरा जग में
कान्हाँ कौन मेरा जग में।
ज़िंदगी का कारवाँ रुकता नहीं है,
दिल है श्याम तुम बिन धड़कता नहीं है,
चलने से पहले मैं गिर गया,
तो कौन मेरा जग में,
कान्हाँ कौन मेरा जग में।
तुम्हे क्या नहीं खबर सब कुछ पता है,
दिल ये दर्द मेरा हद से गुज़रता है,
मिलने से पहले बिछड़ गया,
तो कौन मेरा जग में,
कान्हाँ कौन मेरा जग में।
ग़म के मेले में कैसे मुलाकातें हो,
मेरे इश्क़ की आखिरी साँसे हो,
जीने से पहले मन मर गया तो,
कौन मेरा जग में,
कान्हाँ कौन मेरा जग में।
मिलने का रोग जो तुमसे लगा है,
छलिया ना तुम छालो ये दास तेरा है,
दर्शन से पहले भटक गया,
तो कौन मेरा जग में,
कान्हाँ कौन मेरा जग में।
मनमोहन तुम रूठ गए | Manmohan Tum Rooth Gaye | Beautiful Krishna Bhajan by Balvyas Vivek Ji Maharaj
Kaanhaan Kaun Mera Jag Mein,
Saath Mein Ab Na ,
To Kaun Mera Jag Mein
Kaanja Kaun Mera Jag Mein.
Pravaas Ka Kaaravaan Ruki Nahin Hai,
Dil Hai Shyaam
Sabase Pahale Main Gaya,
To Kaun Mera Jag Mein,
Kaanja Kaun Mera Jag Mein.
Kuchh Pata Hai,
Dil Ye Dard Mera Hadd Hai,
Pahali Baar Bichhad Gaya,
To Kaun Mera Jag Mein,
Kaanja Kaun Mera Jag Mein.
Gam Ke Kharaab Hone Par,
Mere Ishq Ki Lambi Avadhi Mein,
Jivan Se Pahale Man Mar Gaya,
Kaun Mera Jag Mein,
Kaanja Kaun Mera Jag Mein.
Rog Ki Rog Prabhaavit Karata Hai,
Chhaliya Naasur Ye Tera,
Darshan Se Pahale Bhunaaya Gaya,
To Kaun Mera Jag Mein,
Kaanja Kaun Mera Jag Mein।