राजा भरतरी से अरज करे भजन Raaja Bharatari Se Araj Kare Bhajan Raja Bharatari Bhajan by Sunita Swami
राजस्थानी भाषा के इस भजन में वर्णन है की कैसे राजा भरतरी वन में शिकार खेलने जाते हैं तथा कैसे उनको जंगल में ही तत्वज्ञान का बोध होता है। गुरु गोरखनाथ जी के शरण में आने के बाद वे इस संसार को समझ जाते हैं, मानव जीवन को समझ जाते हैं और प्रभु की भक्ति में लीन हो जाते हैं। अपनी राजधानी को छोड़कर वे साधु का वेश धारण करके भिक्षायापन करते हुए हरी के नाम का सुमिरण करते हैं।
नगर उज्जैन का भरथरी,
लाग्यो भजन रो कोड,
मिलिया गोरख नाथ जी,
तो गया राजधानी छोड़।
राणी राजा भरतरी से अरज करे,
महलां में खड़ी महाराणी,
राजपाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
नगर उज्जैन के राजा भरथरी,
हो घोड़े असवार,
एक दिन राजा दूर जंगल में,
खेलन गए शिकार,
संग के साथी बिछड गए सब,
राजा भए लाचार,
किस्मत ने जब करवट बदली,
छूटा दिए घर बार,
होनहार टाली ना टले,
समझें ना दुनियाँ दीवानी,
राज पाट तज बन गया जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
काळा सा एक मिरग देखकर,
तीर कलेजा मारा,
तीर कलेजा चीर गया,
मिरगा धरणी पे पड़ा बेचारा,
व्याकुल होय हिरणी बोली,
हे पापी हत्यारा,
पति के संग में सती होऊंगी,
मिरगे का डार पुकारा,
रो रो के फ़रियाद करे हिरणी,
नैणा में ढल आयो पानी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
राजा रुदन करें वन में,
गुरु गोरखनाथ पधारे,
मिरगे को प्राण दान दे तपसी,
राजा का जनम सुधारे,
इतने में तब राजा भरथरी,
तन के वस्त्र उतारे,
गुरुनाम ले बन गए जोगी,
अंग भभूत रमाई शरीर,
घर घर अलख जगाता फिरे, राजा,
बोले मधुरी वाणी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
गुरु आज्ञा से राजा भरथरी,
महलों में अलख जगाता,
भर मोतियन को थाल ल्याई दासी,
ले जोगी सुखदाता,
माणक मोती ना चाहिए राणी,
चून की चूंठि चाहता,
भिक्षा लेऊँगा जद ड्योढ़ी पर,
आयेगी राणी माता,
राणी के नैना में नीर भरे,
पियाजी की सुरत पिछाणी, राणी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
दोड़ प्राण पति के चरणों में,
झट लिपट गई है राणी,
पिया जी छोडो जोग राज करो,
बोलत प्रेम दीवानी,
बाली उमर नादान नाथ मेरी,
कैसे कटे जिंदगानी,
बेदर्दी थोड़ी दया बिचारो,
सुण लो प्रेम कहानी,
अन्न धन से भण्डार भरे हैं,
मौज करो मनमानी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
प्रभु नाम सिमरो मेरी माता,
तेज कटे जिंदगानी,
अमर नाम मालिक रो रहसी,
सोच समझ अज्ञानी,
भजन करो भव सिन्धु तिरो,
यो कहे लिखमो ज्ञानी,
नित नई रंगत गावे माधोसिंह,
हवा जमाने की ज्याणी,
प्रभु नाम सुमिरो नर प्यारे,
दो दिन की जिंदगानी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
राणी राजा भरतरी से अरज करे,
महलां में खड़ी महाराणी,
राजपाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
लाग्यो भजन रो कोड,
मिलिया गोरख नाथ जी,
तो गया राजधानी छोड़।
राणी राजा भरतरी से अरज करे,
महलां में खड़ी महाराणी,
राजपाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
नगर उज्जैन के राजा भरथरी,
हो घोड़े असवार,
एक दिन राजा दूर जंगल में,
खेलन गए शिकार,
संग के साथी बिछड गए सब,
राजा भए लाचार,
किस्मत ने जब करवट बदली,
छूटा दिए घर बार,
होनहार टाली ना टले,
समझें ना दुनियाँ दीवानी,
राज पाट तज बन गया जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
काळा सा एक मिरग देखकर,
तीर कलेजा मारा,
तीर कलेजा चीर गया,
मिरगा धरणी पे पड़ा बेचारा,
व्याकुल होय हिरणी बोली,
हे पापी हत्यारा,
पति के संग में सती होऊंगी,
मिरगे का डार पुकारा,
रो रो के फ़रियाद करे हिरणी,
नैणा में ढल आयो पानी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
राजा रुदन करें वन में,
गुरु गोरखनाथ पधारे,
मिरगे को प्राण दान दे तपसी,
राजा का जनम सुधारे,
इतने में तब राजा भरथरी,
तन के वस्त्र उतारे,
गुरुनाम ले बन गए जोगी,
अंग भभूत रमाई शरीर,
घर घर अलख जगाता फिरे, राजा,
बोले मधुरी वाणी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
गुरु आज्ञा से राजा भरथरी,
महलों में अलख जगाता,
भर मोतियन को थाल ल्याई दासी,
ले जोगी सुखदाता,
माणक मोती ना चाहिए राणी,
चून की चूंठि चाहता,
भिक्षा लेऊँगा जद ड्योढ़ी पर,
आयेगी राणी माता,
राणी के नैना में नीर भरे,
पियाजी की सुरत पिछाणी, राणी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
दोड़ प्राण पति के चरणों में,
झट लिपट गई है राणी,
पिया जी छोडो जोग राज करो,
बोलत प्रेम दीवानी,
बाली उमर नादान नाथ मेरी,
कैसे कटे जिंदगानी,
बेदर्दी थोड़ी दया बिचारो,
सुण लो प्रेम कहानी,
अन्न धन से भण्डार भरे हैं,
मौज करो मनमानी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
प्रभु नाम सिमरो मेरी माता,
तेज कटे जिंदगानी,
अमर नाम मालिक रो रहसी,
सोच समझ अज्ञानी,
भजन करो भव सिन्धु तिरो,
यो कहे लिखमो ज्ञानी,
नित नई रंगत गावे माधोसिंह,
हवा जमाने की ज्याणी,
प्रभु नाम सुमिरो नर प्यारे,
दो दिन की जिंदगानी,
राज पाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
राणी राजा भरतरी से अरज करे,
महलां में खड़ी महाराणी,
राजपाट तज बन गए जोगी,
आ काई मन में ठानी,
राणी राजा भरतरी से अरज करे।
राजा भरतरी से अरज करे Raaja Bharatari Se Araj Kare Bhajan
Nagar Ujjain Ka Bharathari,
Laagyo Bhajan Ro Kod, Miliya Gorakh Naath Ji,
To Gaya Raajadhaani Chhod.
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare,
Mahalaan Mein Khadi Mahaaraani,
Raajapaat Taj Ban Gae Jogi,
Aa Kai Man Mein Thaani,
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare.
Nagar Ujjain Ke Raaja Bharathari,
Ho Ghode Asavaar,
Ek Din Raaja Dur Jangal Mein,
Khelan Gae Shikaar,
Sang Ke Saathi Bichhad Gae Sab,
Raaja Bhe Laachaar,
Kismat Ne Jab Karavat Badali,
Chhuta Die Ghar Baar,
Honahaar Taali Na Tale,
Samajhen Na Duniyaan Divaani,
Raaj Paat Taj Ban Gaya Jogi,
Aa Kai Man Mein Thaani,
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare.
Kaala Sa Ek Mirag Dekhakar,
Tir Kaleja Maara,
Tir Kaleja Chir Gaya,
Miraga Dharani Pe Pada Bechaara,
Vyaakul Hoy Hirani Boli,
He Paapi Hatyaara,
Pati Ke Sang Mein Sati Huongi,
Mirage Ka Daar Pukaara,
Ro Ro Ke Fariyaad Kare Hirani,
Naina Mein Dhal Aayo Paani,
Raaj Paat Taj Ban Gae Jogi,
Aa Kai Man Mein Thaani,
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare.
Raaja Rudan Karen Van Mein,
Guru Gorakhanaath Padhaare,
Mirage Ko Praan Daan De Tapasi,
Raaja Ka Janam Sudhaare,
Itane Mein Tab Raaja Bharathari,
Tan Ke Vastr Utaare,
Gurunaam Le Ban Gae Jogi,
Ang Bhabhut Ramai Sharir,
Ghar Ghar Alakh Jagaata Phire, Raaja,
Bole Madhuri Vaani,
Raaj Paat Taj Ban Gae Jogi,
Aa Kai Man Mein Thaani,
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare.
Guru Aagya Se Raaja Bharathari,
Mahalon Mein Alakh Jagaata,
Bhar Motiyan Ko Thaal Lyai Daasi,
Le Jogi Sukhadaata,
Maanak Moti Na Chaahie Raani,
Chun Ki Chunthi Chaahata,
Bhiksha Leunga Jad Dyodhi Par,
Aayegi Raani Maata,
Raani Ke Naina Mein Nir Bhare,
Piyaaji Ki Surat Pichhaani, Raani,
Raaj Paat Taj Ban Gae Jogi,
Aa Kai Man Mein Thaani,
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare.
Dod Praan Pati Ke Charanon Mein,
Jhat Lipat Gai Hai Raani,
Piya Ji Chhodo Jog Raaj Karo,
Bolat Prem Divaani,
Baali Umar Naadaan Naath Meri,
Kaise Kate Jindagaani,
Bedardi Thodi Daya Bichaaro,
Sun Lo Prem Kahaani,
Ann Dhan Se Bhandaar Bhare Hain,
Mauj Karo Manamaani,
Raaj Paat Taj Ban Gae Jogi,
Aa Kai Man Mein Thaani,
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare.
Prabhu Naam Simaro Meri Maata,
Tej Kate Jindagaani,
Amar Naam Maalik Ro Rahasi,
Soch Samajh Agyaani,
Bhajan Karo Bhav Sindhu Tiro,
Yo Kahe Likhamo Gyaani,
Nit Nai Rangat Gaave Maadhosinh,
Hava Jamaane Ki Jyaani,
Prabhu Naam Sumiro Nar Pyaare,
Do Din Ki Jindagaani,
Raaj Paat Taj Ban Gae Jogi,
Aa Kai Man Mein Thaani,
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare.
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare,
Mahalaan Mein Khadi Mahaaraani,
Raajapaat Taj Ban Gae Jogi,
Aa Kai Man Mein Thaani,
Raani Raaja Bharatari Se Araj Kare.
Author - Saroj Jangir
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