ये मंजिल आख़िरी है,
कब्र ही तेरा ठिकाना है,
ये रिश्ते तोड़ने हैं,
और ये दुनियाँ छोड़ जाना है,
जिंदगी उसकी अमानत है,
सभी को एक ना दिन,
मौत का कर्जा चुकाना है।
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख़ करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली।
ना कोई अंजुमन होगी,
ना जिक्र-ए-अंजुमन होगा,
जो दौलत आज है तेरी,
वो कल गैरों का धन होगा,
दोशाले काम आएंगे,
ना रंगी पहरन होगा,
लीबाजे आखिरी तो बस,
वही दो गज कफ़न होगा,
जब उड़ जाएगा पंछी,
रूह का, बेजान तन होगा,
दबा देंगे तुझे सब ख़ाक में,
मैला बदन होगा,
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख़ करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली।
आ गई जिसकी उसे,
जाना पड़ेगा,
कोई जाता यहाँ से,
कोई आता यहाँ,
एक दिखावा एक तमाशा,
एक मेला है यहाँ,
जिसको ताका है मौत ने,
फिर वो बचता है कहाँ,
कोई आगे कोई पीछे,
सबको जाना है वहां,
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली
ना काम आयेंगे,
रोजे हश्र ये लबरेज़ पैमाने,
धरा रह जाएगा सब ठाट,
तेरा देख दीवाने,
बिछड़ जाएंगे तेरे दोस्त,
और रहबाज सारे,
सुबह होते ही जैसे,
कुच कर जाते हैं बंजारे,
यहाँ हरेक को एक दिन,
फ़ना का जाम पीना है,
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली
ना कुछ अहसाह है,
जज्बा है ना कोई करीना है,
नहीं जीने का कुछ मकसद,
तो फिर बेकार जीना है
जिओ इस तरह के,
ये जिंदगी औरों के काम आये,
जलाओ ऐसी शम्मा रौशन,
औरो के काम आये
यही नेकी भलाई जो कुछ है
तेरे साथ जायेगा,
अलावा तू इसके नादान,
खाली हाथ जायेगा
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली,
बड़ा है ऐश में अख्तर,
कभी तूने ये सोचा है,
ना कुछ तू लेके आया है,
ना तुझको लेके जाना है,
रहेगा हमेशा,
इस जहाँ में रहती है,
सदा आवाज देती है,
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली,
ये रिश्ते तोड़ने हैं,
और ये दुनियाँ छोड़ जाना है,
जिंदगी उसकी अमानत है,
सभी को एक ना दिन,
मौत का कर्जा चुकाना है।
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख़ करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली।
ना कोई अंजुमन होगी,
ना जिक्र-ए-अंजुमन होगा,
जो दौलत आज है तेरी,
वो कल गैरों का धन होगा,
दोशाले काम आएंगे,
ना रंगी पहरन होगा,
लीबाजे आखिरी तो बस,
वही दो गज कफ़न होगा,
जब उड़ जाएगा पंछी,
रूह का, बेजान तन होगा,
दबा देंगे तुझे सब ख़ाक में,
मैला बदन होगा,
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख़ करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली।
आ गई जिसकी उसे,
जाना पड़ेगा,
कोई जाता यहाँ से,
कोई आता यहाँ,
एक दिखावा एक तमाशा,
एक मेला है यहाँ,
जिसको ताका है मौत ने,
फिर वो बचता है कहाँ,
कोई आगे कोई पीछे,
सबको जाना है वहां,
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली
ना काम आयेंगे,
रोजे हश्र ये लबरेज़ पैमाने,
धरा रह जाएगा सब ठाट,
तेरा देख दीवाने,
बिछड़ जाएंगे तेरे दोस्त,
और रहबाज सारे,
सुबह होते ही जैसे,
कुच कर जाते हैं बंजारे,
यहाँ हरेक को एक दिन,
फ़ना का जाम पीना है,
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली
ना कुछ अहसाह है,
जज्बा है ना कोई करीना है,
नहीं जीने का कुछ मकसद,
तो फिर बेकार जीना है
जिओ इस तरह के,
ये जिंदगी औरों के काम आये,
जलाओ ऐसी शम्मा रौशन,
औरो के काम आये
यही नेकी भलाई जो कुछ है
तेरे साथ जायेगा,
अलावा तू इसके नादान,
खाली हाथ जायेगा
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली,
बड़ा है ऐश में अख्तर,
कभी तूने ये सोचा है,
ना कुछ तू लेके आया है,
ना तुझको लेके जाना है,
रहेगा हमेशा,
इस जहाँ में रहती है,
सदा आवाज देती है,
तू लाख इफाजत कर ले,
तू लाख करे रखवाली,
उड़ जायेगा एक दिन पंछी,
रहेगा पिंजरा खाली,
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Author - Saroj Jangir
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