मात पिता परमात्मा,
पति सेवा गुरू ज्ञान,
इनसे हिलमिल चालिए,
वो नर चतुर सुजान।
संसार सागर है अगर,
माता पिता एक नाँव है,
जिसने भी की तन से सेवा,
उसका तो बेड़ा पार है।
जिसने दुखाई आत्मा,
वो डूबता मझधार है,
माता पिता परमात्मा,
मिलता ना दूजी बार है।
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै। नौ दस मास झूल्यो गरभ माता,
घणों दुख पायो रे,
बाहर आयो खुशीयां छाई,
बाहर आयो खुशीयां छाई,
सैयाँ मंगल गायो रे,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
बालपणा में थारो लाड लडायो,
दूध पिलायो रे,
आई जवानी भूल गयो रे,
आई जवानी भूल गयो,
तिरीया मिलमावे रे,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
दे शिक्षा सतसंग री थानें,
सजण बनायो रे,
संगत किन्हीं मूर्ख की तूं,
संगत किन्हीं मूर्ख की तूं,
ओ पद खोयो रे,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
सेवा करी श्रवण ने ज्याने,
संत पुकारे रे,
मात पिता ने बिठा कावड़ में,
मात पिता ने बिठा कावड़ में,
तीरथ करावे रे,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
मदिरा मांस का भोजन करे ज्यारे,
घर में हानि रे,
सुध बुध बिसरे लक्ष्मी जावे,
सुध बुध बिसरे लक्ष्मी जावे,
वो नर नरका जावे रे,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
धर्म छोडे जो सुख नहीं पावे,
संत पुकारे रे,
हिरणाकुश रावण ने देखो,
हिरणाकुश रावण ने देखो,
काळ खा ज्यावे रे,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
मोह माया रे भरम जाळ में,
उमर जावै रै,
पाणि पहले पाळ बांध ले,
पाणि पहले पाळ बांध ले,
ज्ञान बतावे रे,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
संतजनों री संगती कर ले,
है सुखकारी रे,
सतसंग सूं कट जावे रे भँवरा,
सतसंग सूं कट जावे रे भँवरा,
हे बंधन भारी रे,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
सुमता कुमता उर में थारे,
सुमता ने धारो रे,
सुमता कुमता घट में थारे,
सुमता ने धारो रे,
सुधर जावेला पल मे थारों,
सुधर जावेला पल में थारों,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
अमरदास पति हमारा,
दीन दयालू रे,
फूलदेवी यूँ कह समझावे,
फूलदेवी यूँ कह समझावे,
हे गुरू शरणे आज्या रे,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
माँ समझावे रे ओ बेटा,
माँ समझावे रै,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै,
हे बेटा थारी माँ समझावे रे,
मिनख पणो ऐळ गमावे रै।