मुंह मांगा फल है मिलता जयकारा

मुंह मांगा फल है मिलता जयकारा माँ का बोल के

(मुखड़ा)
मुँह माँगा फल है मिलता,
जयकारा माँ का बोल के,
हर एक संकट टलता,
जयकारा माँ का बोल के।।

(अंतरा)
श्रद्धा-भक्ति से जगाई,
जिन्होंने माँ की ज्योति,
उसके आँगन में सुखों की,
सदा ही बारिश होती,
दुःख के काँटे फूल हैं बनते,
कंकर बनते मोती,
उनकी आशा का बगीचा,
पतझड़ में भी खिलता,
जयकारा माँ का बोल के,
मुँह माँगा फल है मिलता,
जयकारा माँ का बोल के।।

मन के मंदिर में बिठा ली,
जिन्होंने अंबे रानी,
माँ ने ऐसे भक्तों की ‘लक्खा’,
हर एक बात है मानी,
कल तक जो थे दान माँगते,
आज बने महादानी,
कुटिया जैसा उनका घर तो,
शीशमहल सा बनता,
जयकारा माँ का बोल के,
मुँह माँगा फल है मिलता,
जयकारा माँ का बोल के।।

माँ के चरणों से जुड़ जाओ,
तोड़ के बंधन झूठे,
नाम की दौलत को ना जग में,
कोई लुटेरा लूटे,
दुनिया रूठे तो नहीं चिंता,
मैया कभी ना रूठे,
सच्ची भक्ति के जादू से,
पत्थर भी है तरता,
जयकारा माँ का बोल के,
मुँह माँगा फल है मिलता,
जयकारा माँ का बोल के।।

(पुनरावृत्ति)
मुँह माँगा फल है मिलता,
जयकारा माँ का बोल के,
हर एक संकट टलता,
जयकारा माँ का बोल के।।


Muh Manga Phal Milta [Full Song] Tu Maa Shehanshahon Ki Shehanshah

Bhajan: Jaikara Maa Ka Bol Ke
Singer: Lakhbir Singh Lakkha
Music Director: Durga-Natraj
Lyricist: Balbir Nirdosh

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