कबीर कहा गरबियौ चाँम लपेटे हड मीनिंग

कबीर कहा गरबियौ चाँम लपेटे हड मीनिंग

कबीर कहा गरबियौ, चाँम लपेटे हड।
हैबर ऊपरि छत्र सिरि, ते भी देबा खड॥
Kabir Kaha Garbiyo, Chaam Lapete Haad,
Haibar Upari Chatra Siri, Te Bhi Deba Khad.

कबीर कहा गरबियौ : कबीर साहेब कहते हैं की तुम क्यों व्यर्थ में गर्व करते हो.
चाँम लपेटे हड : यह तो सिर्फ एक हाड/हड्डी है जो चमड़ी से लिपटी हुई है.
हैबर ऊपरि हैबर (घोड़ों की श्रेष्ठ नस्ल) घोड़ों पर सवार हैं (राजा)
छत्र : जिनके सर के ऊपर छत्र है.
सिरि : सर के ऊपर.
ते भी : वे भी.
देबा : दे दिए जाएंगे, कब्र को प्राप्त होंगे.
खड : खड्डा / कब्र.

कबीर साहेब की वाणी है की हे जीवात्मा, तुम अज्ञान और भरम का शिकार होकर क्यों व्यर्थ में चमड़ी/चर्म लपेटी हुई हड्डियों के ऊपर घमंड कर रहे हो. तुम्हारा अहम्, अभिमान व्यर्थ है. ऐसे शक्तिशाली राजा तो श्रेष्ठ नस्ल के घोड़ों पर सवारी करते थे और जिनके सर के ऊपर छत्र (सोने चांदी की छतरी) थे वे भी कब्रों को ही प्राप्त हुए हैं. भाव है की यह मानव जीवन अत्यंत ही अल्प है जिसे एक रोज समाप्त हो जाना है. इसलिए व्यर्थ में घमंड करना, मानव जीवन पर अभिमान करना किसी कार्य का नहीं है. इस मानव देह के रहते हुए हरी का सुमिरण करना ही मुक्ति का मार्ग है. 
कबीर साहेब ने इस सत्य को समझ लिया की मानव जीवन अत्यंत ही अल्प समय का होता है जैसे सैमर का फूल। बड़े बड़े राजा, धनवानों को भी खाली हाथ ही इस जगत से रुखसत होना पड़ता है। व्यक्ति माया को जोड़ने के लिए अनैतिक कार्यों में लिप्त रखकर अमूल्य मानव जीवन को कौड़ी बना डालता है। हैबर घोड़े की मिशाल देकर सन्देश दिया की देखों कितने ही ऐसे सुलतान थे जिनके पास अथाह सम्पति थी, वैद्य नौकर चाकर थे लेकिन क्या वे माया के बल पर स्वंय को बचा पाए, नहीं। जीवन का अंतिम सत्य तो मृत्यु है, यह गरीब, अमीर सभी को आनी है, कोई रोगी हो या वैद्य। तो फिर इस जीवन का उद्देश्य क्या हो सकता है। निष्काम भाव से हरी के नाम का सुमिरण ही सहज भक्ति है, यही मुक्ति का द्वार है।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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