कहा कियौ हम आइ करि कहा करेंगे जाइ मीनिंग
कहा कियौ हम आइ करि, कहा करेंगे जाइ।
इत के भए न उत के, चाले मूल गँवाइ॥
Kaha Kiyo Hum Aai Kari, Kaha Karenge Jaai,
Ik Ke Bhaye Na Ut Ke, Chale Mool Ganvaai.
कहा कियौ : क्या किया, कौनसा अच्छा कार्य किया. (इस संसार में आकर)
हम आइ करि : जगत में आकर के.
कहा कहेंगे जाइ : इश्वर के पास जाकर क्या कहेंगे.
इत के भए न उत के : ना तो यहाँ के हुए और नाहीं वहाँ के.
इत-यहाँ के.
उत के : वहां के.
चाले मूल गँवाइ : मूल पूंजी को गँवा दिया है.
कबीर साहेब की वाणी है की इस अमूल्य मानव जीवन में तुमने आकर क्या किया, अब तुम इश्वर के पास वापस जाकर क्या कहोगे, कौनसे कर्मों का हिसाब दोगे? भाव है की मनुष्य इस मानव देह को प्राप्त करके माया के चक्कर में पड़कर अपने जीवन को बर्बाद कर लेता है. मूल गंवाने से आशय है की मनुष्य जीवन को बर्बाद कर लेना.
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं