कबीर इस संसार में घणै मनिष हिंदी मीनिंग
कबीर इस संसार में घणै मनिष मतिहींण।
राम नाम जाँणौं नहीं, आये टापी दीन॥
Kabir Is Sansaar Me Ghane Manish Matiheen,
Raam Naam Jano Nahi Aaye Taap Deen.
इस संसार में : इस जगत में.
घणै : अधिक, बहुत.
मनिष : मनुष्य.
मतिहींण : विवेक के बिना.
राम नाम जाँणौं नहीं : राम नाम को जाना नहीं.
आये टापी दीन : झांसा देना, मूर्ख बनाना.
प्रस्तुत साखी में भाव है की इस जगत में अधिकतर व्यक्ति बुद्धिमान नहीं है, विवेक नहीं रखते हैं. वे मुर्ख हैं और दूसरों को धोखा देना चाहते हैं. कबीर साहेब की यह साखी वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है. धर्म के नाम पर जितना धोखा और भ्रम व्याप्त है उतना किसी अन्य विषय में नहीं है. धर्म के नाम पर आम जनता का आज भी शोषण हो रहा है. इसका कारण है की कोई भी स्पष्ट मत नहीं है. अनेकों मत के कारण भ्रम की स्थिति है. जबकि कबीर साहेब का एक ही मत है की मानवीय गुणों को धारण करके हृदय से हरी के नाम का सुमिरण ही मुक्ति का आधार है.