आया अण आया भया जे बहुरता संसार मीनिंग Aaya Aan Aaya Bhaya Meaning Kabir Ke Dohe

आया अण आया भया जे बहुरता संसार मीनिंग Aaya Aan Aaya Bhaya Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit (Hindi Bhavarth/Hindi Meaning)

आया अण आया भया, जे बहुरता संसार।
पड़ा भुलाँवा गाफिलाँ, गये कुबंधी हारि॥
Aaya Anaaya Bhaya, Je Bahurta Sansaar,
Pada Bulaava Gafila, Gaye Kubandhi Haari.

आया : संसार में आया, संसार में जन्म लिया है.
अण आया : आया ना आया के समान, जिसने जन्म लिया है वह ना लेने के समान है.
भया : हुआ.
जे बहुरता संसार : विविध सांसारिक आकर्षणों में लिप्त.
पड़ा भुलाँवा : भ्रम का शिकार होना.
गाफिलाँ : गाफिल होना, भ्रम का शिकार होना.
गये कुबंधी हारि : बुद्धि के अभाव में परास्त हो गए हैं.

कबीर साहेब की वाणी है व्यक्ति इस जीवन में आकर अपने जीवन के महत्त्व को समझ नहीं पाते हैं. उनका जन्म लेना और ना लेना बराबर होता है. क्योंकि वे संसार के बहुत प्रकार के आकर्षणों में पड़े रहते हैं. माया के भ्रम में गाफिल होकर वे अपने जीवन का उद्देश्य भूल जाते हैं और दाव में परास्त हो जाते हैं, अर्थात जीवन के महत्त्व को नहीं समझ पाते हैं. कुबुद्धि के कारण उनकी पराजय होती है. माया में लिप्त होकर व्यर्थ मनुष्य जनम गँवाने को देखकर साहेब व्यथित हो उठते हैं। वे देखते हैं की कैसे जीव माया के भरम में पड़कर अपने जीवन को व्यर्थ ही समाप्त किए जा रहा है। अनेकों जन्मों के कष्ट भोगने के उपरान्त मानव जीवन प्राप्त होता है और इसे कौड़ी में बदल देना दुखद है। सदाचार को अपनाकर, सत्य के मार्ग पर चलकर सच्चे हृदय से ईश्वर के नाम का सुमिरन ही मुक्ति का मार्ग है।
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