खुल गया मंदिर खाटू धाम का भजन

खुल गया मंदिर खाटू धाम का भजन

खुल गया खुल गया खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का
बाबा के दर जाएंगे,
कुछ दिल की बतलायेंगे
ये सोच के झूमे नांचे,
हर दीवाना श्याम का
खुल गया, खुल गया, खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का।

जबसे रूठा है श्याम मेरा,
बनता ही नहीं कोई काम मेरा,
मंदिर के पट बंद कर डाले,
कैसे पहुंचे पैग़ाम मेरा,
क्या क्या दिल में नहीं आया,
कैसे ये वक़्त बिताया,
श्याम के दर्शन बिन,
ये जीवन है किस काम का,
खुल गया, खुल गया, खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का।

जीव भरम में डौल रहा,
खुद को खुद से था तोल रहा,
रची प्रभु ने ये लीला,
अब हाथ जोड़ कर बोल रहा,
ना और प्रभु तरसाओ,
प्रेमी को गले लगाओ
दर्शन का हक़ दे दो,
मुझको मेरे नाम का,
खुल गया, खुल गया, खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का।

मैंने तो सोच लिया है,
अब ना छोडूंगा ये द्वार कभी,
ऐसी ना कोई गलती हो,
जिससे रूठे सरकार कभी,
अब और कहीं ना जाना,
चरणों में मिले ठिकाना,
मीतू है दीवान खाटू वाले श्याम का
खुल गया, खुल गया, खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का।

खुल गया मंदिर खाटू धाम का | Khatu Shyam Bhajan | Khul Gaya Mandir Khatu Dham Ka | Amit kalra Meetu

Khul Gaya Khul Gaya Khul Gaya,
Mandir Khaatu Dhaam Ka
Baaba Ke Dar Jaenge,
Kuchh Dil Ki Batalaayenge
Ye Soch Ke Jhume Naanche,
Har Divaana Shyaam Ka
Khul Gaya, Khul Gaya, Khul Gaya,
Mandir Khaatu Dhaam Ka.

Jabase Rutha Hai Shyaam Mera,
Banata Hi Nahin Koi Kaam Mera,
Mandir Ke Pat Band Kar Daale,
Kaise Pahunche Paigaam Mera,
Kya Kya Dil Mein Nahin Aaya,
Kaise Ye Vaqt Bitaaya,
Shyaam Ke Darshan Bin,
Ye Jivan Hai Kis Kaam Ka,
Khul Gaya, Khul Gaya, Khul Gaya,
Mandir Khaatu Dhaam Ka. 
 
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