सोच समझकर साँवरिया तू मंदिर खोलना

सोच समझकर साँवरिया तू मंदिर खोलना

सोच समझकर साँवरिया,
तू मंदिर खोलना,
आएगा भक्तों का रेला,
फिर ना बोलना,
सोच समझकर,
हाँ सोच समझकर।

बम्बई कलकत्ता वाले,
बाबा तैयार हैं बैठे,
हैदराबाद वाले भी,
बस इन्तजार में बैठे,
बम्बई कलकत्ता वाले,
बाबा तैयार हैं बैठे,
सारी दुनियाँ के प्रेमी,
इस इन्तजार में बैठे,
दिल्ली वालों के दिल को,
ना बाबा तोड़ना,
आएगा भक्तों का रेला,
फिर ना बोलना,
सोच समझकर,
हाँ सोच समझकर।

लाडू चूरमा पेड़ा,
सब भर भर कर आएगा,
नाँच नाँच कर प्रेमी,
तेरा खाटू में गायेगा,
इत्र उड़ेगा, इत्र उड़ेगा,
फिर ना तू टोकना,
आएगा भक्तों का रेला,
फिर ना बोलना,
सोच समझकर,
हाँ सोच समझकर।

मंदिर खुलेगा तेरा,
मैं सबसे पहले आउंगा,
तू ही बता दे बाबा,
मैं कैसे रुक जाऊँगा,
दर्शन देना बाबा,
"मित्तल" को ना रोकना,
आएगा भक्तों का रेला,
फिर ना बोलना,
सोच समझकर,
हाँ सोच समझकर।

सोच समझकर साँवरिया,
तू मंदिर खोलना,
आएगा भक्तों का रेला,
फिर ना बोलना,
सोच समझकर,
हाँ सोच समझकर।

22 July 2021 को बाबा - सोच कर खोलना मंदिर by Kanhiya Mittal Bhajan | Khatu Shyam Mandir Darshan

Soch Samajhakar Saanvariya,
Tu Mandir Kholana,
Aaega Bhakton Ka Rela,
Phir Na Bolana,
Soch Samajhakar,
Haan Soch Samajhakar.
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