फागुन की रुत है आई भगतों के मन में छाई

फागुन की रुत है आई भगतों के मन में छाई

फागुन की रुत है आई,
भगतों के मन में छाई।।
बाबा की याद है आई,
मन हो गया खाटू का।।
भगत तेरा निशान लेकर आए,
निशान तेरा मल-मल का।।

टिकते नहीं हैं ज़मीन पे मेरे पाँव रे,
अच्छा नहीं लागे अब घर, गली, गाँव रे।।
जब से खाटू धाम गया हूँ, चैन नहीं पल का,
भगत तेरा निशान लेकर आए,
निशान तेरा मल-मल का।।

रींगस के रास्ते में उड़ता गुलाल है,
भगतों संग टोलियों में भजनों का साथ है।।
फागुन के मेले में मेरा सांवरा भी लाल है,
भगत तेरा निशान लेकर आए,
निशान तेरा मल-मल का।।

खाटू में पहुँचते ही दिखता तोरण द्वार है,
अतुल का ये सपना तूने कर दिया साकार है।।
पग-पग पर ये साथ चला है, रास्ता दिखाता,
भगत तेरा निशान लेकर आए,
निशान तेरा मल-मल का।।


फाल्गुन स्पेशल सांग - भगत तेरा निशान लेकर आये | Atul Pareek | Bhagat Tera Nishan Lekar Aye 

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