खाटू में ग्यारस की रात जो आती है भजन
खाटू में ग्यारस की रात जो आती है भजन
खाटू में ग्यारस की रात जो आती है,कीर्तन की ताली से महफ़िल गूँज जाती है,
बाबा जब सजधज कर दरबार लगता है,
हर प्रेमी दीवाना बनकर झूम जाता है
खाटू की महिमा क्या मैं सुनाऊँ,
अपने ही दिल की बात बताऊँ,
बिन बोले बाबा सब सुन लेता,
प्रेमी के मन को पल में पढ़ लेता,
सावरिया से आँखें जब यूँ मिल जाती है,
कीर्तन की ताली से, महफ़िल गूँज जाती है।
जबसे मिला है तेरा सहारा,
हारे का साथी श्याम हमारा,
बिन तेरे नैया डगमग डोले,
आजा ना बाबा दिल मेरा बोले,
भक्तों के खातिर ये दौड़ा आता है,
हर प्रेमी दीवाना बनकर झूम जाता है,
कीर्तन की ताली से, महफ़िल गूँज जाती है।
जो कहने आये वो कह ना पाए,
बातें दिलों की दिल में रह जाए,
ऐसा लगे जैसे जन्नत मिली हो,
संजीव पे बाबा की किरपा बनी हो,
बरस पे हर प्रेमी जब घर को जाता है,
दो आँसू तेरे चरणों में छोड़ आता है,
खाटू में ग्यारस की रात जो आती है,
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन
खाटू में ग्यारस की रात जो आती है | खाटू श्याम भजन | Sanjeev Sharma | New Shyam Bhajan
Khaatu Mein Gyaaras Ki Raat Jo Aati Hai,Kirtan Ki Taali Se Mahafil Gunj Jaati Hai,
Baaba Jab Sajadhaj Kar Darabaar Lagata Hai,
Har Premi Divaana Banakar Jhum Jaata Hai
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