ऐ दो जहाँ के मालिक मेरी खता बता दे भजन

ऐ दो जहाँ के मालिक मेरी खता बता दे भजन

ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे,
चरणों दूर कान्हा,
तूने क्यों किया, बता दे,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।

जीने को जी रहा हूं,
लेकिन मजा नहीं है,
तुमसे जो दूरियां हैं,
क्या ये सजा नहीं है,
मुझे थाम ले दयालु,
ये फासले मिटा दे,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।

दुनिया की दौलतों की,
चाहत नहीं है दाता,
चरणों में बस जगह तू,
दे दे मेरे विधाता,
हाथों को मेरे सिर पर,
अपना कर दे साया,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।

तेरे पथ पे चल रहा हूं,
आशा है तू मिलेगा,
उम्मीद का ये दीपक,
एक दिन प्रभु जलेगा,
तेरे ‘हर्ष’ के हृदय का,
अंधियारा तू मिटा दे,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।

ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे,
चरणों दूर कान्हा,
तूने क्यों किया, बता दे,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।


एक सच्ची घटना पर आधारित ~ ऐ दो जहाँ के मालिक ~ इस भजन को जरूर सुने ~ करुण भरी पुकार ~ Priti Sargam

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Song :- Ye Do Jaha Ke Malik 
Singer :- Priti Sargam 
Lyrics :- Vinod Agarwal Harsh Ji 
Music :- Bablu Mathews 
Director :- Abhishek Shukla
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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