जागो जागो रे कृष्ण कन्हैया जागो

जागो जागो रे कृष्ण कन्हैया जागो


मैं झूलो देवा मैं सदके जावा,
मैं झूलो देवा नींद रे मीठे बालके,
मैं सदके जावा नींद रे मीठे बालके,
ओ रे जागो जागो जागो,
ओ रे किशन कन्हैया जागो,
तेरी माई माखन लाई,
म्हारा किशन कन्हैया चाखो,
तने हू रू रू रू हू रू रू रू,
तने हू रू रू रू हू रू रू रू।

किशन कन्हैया बांके बिहारी ने,
जायो यशोधा मैया,
गोकुल के ग्वालों के संग में,
वन कृष्ण चरावें गैया,
मीठी मीठी मुरली बाजे,
फीकी लागे हैं पपैया,
मैया को लाड़लों किशन कन्हैया,
खेले नीम की छैया,
तने हू रू रू रू हू रू रू रू,
तने हू रू रू रू हू रू रू रू।

कृष्ण कन्हैयो मथुराज में जिल्मियो,
मैया जशोदा झुलड़ा झुलाया,
मैया जशोदा झुलड़ा झुलाया,
ओ रे जागो जागो जागो,
ओ रे किशन कन्हैया जागो,
तेरी माई माखन लाई,
म्हारा किशन कन्हैया चाखो,
तने हू रू रू रू हू रू रू रू,
तने हू रू रू रू हू रू रू रू।

किलकारी मार आंगन में हंसे,
और सबने साथ हंसावे,
अजी ठुमक ठुमक आंगन में चले,
और पग पाजेब बजावे,
ओ मन भावे जद इतरावे,
जद नैन कमल ने खिलावे,
छिप जावे म्हने देख देख,
म्हने देख देख शर्मावे,
तने हू रू रू रू हू रू रू रू,
तने हू रू रू रू हू रू रू रू।

किशन कन्हैया बांके बिहारी ने,
जायो यशोधा मैया,
गोकुल के ग्वालों के संग में,
वन कृष्ण चरावे गैया,
मीठी मीठी मुरली बाजे,
फीकी लागे पपैया,
मैया को लाड़लों किशन कन्हैया,
खेले नीम की छैया,
किलकारी मार आँगन में हंसे,
और सबने साथ हंसावे,
ठुमक ठुमक आँगन में चले,
और पग पाजेब बजावे,
मन भावे जद इतरावे,
जद नैन कमल ने खिलावे,
छिप जावे म्हन देख देख,
म्हने देख देख शर्मावे।

यह सुंदर लोकगीत राजस्थानी लोक संगीत और आधुनिक संगीत का संगम है। यह मां और बेटे के रिश्ते की मिठास को उजागर करता है, जैसे यशोदा मां और उनके बेटे भगवान श्री कृष्ण की बीच थी। अपने व्यस्त मंच कार्यक्रम के बावजूद उस्ताद राना खान ने युवा संगीतकारों को मार्गदर्शन दिया। जिससे उनके माँगनियार समुदाय की प्राचीन मौखिक परंपराओं और संगीत का संरक्षण हो सके। उस्ताद राना खान की धरोहर आज भी मांगनियार संगीतकारों के गीतों में जीवित है और युवा पीढ़ी को प्रेरित करती है। जय किशन कन्हैया।


जागो जागो रे कृष्ण कन्हैया// जागो तेरी माई माखन लाई// Lolee I HU RU RU I हू रूरू //Chotu Khan/

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यह गीत राजस्थानी लोक संगीत और आधुनिक संगीत का संगम है, जो मां और बेटे के रिश्ते की मिठास को उजागर करता है, जैसे यशोदा मां और उनके बेटे भगवान श्री कृष्ण की बीच थी तथा यह गाना श्रद्धांजलि है legendary उस्ताद राना खान को, जिनकी अद्वितीय आवाज़ और "लोली" रचना ने संगीत पर गहरी छाप छोड़ी। अपने व्यस्त मंच कार्यक्रम के बावजूद, उस्ताद राना खान ने युवा संगीतकारों को मार्गदर्शन दिया, ताकि उनके माँगनियार समुदाय की प्राचीन मौखिक परंपराओं और संगीत का संरक्षण हो सके। उस्ताद राना खान की धरोहर आज भी मंगनियार संगीतकारों के गीतों में जीवित है और युवा पीढ़ी को प्रेरित करती है।
 
TITLE - HU RU RU
DIRECTOR - NITS
STARRING- SARTHAK ARYA & NOOR KAUR
SINGERS - RAPPERIYA BAALAM Ft. CHOTU KHAN
ORIGINAL LOLEE SONG COMPOSER - USTAD RANA KHAN F/O MAME KHAN
MUSIC COMPOSER - RAPPERIYA BAALAM
LYRICS - JAGIRDAR RV & TRADITINAL FOLK
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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