ना ऐसा दरबार बाबा श्याम धणी जैसा

ना ऐसा दरबार बाबा श्याम धणी जैसा लिरिक्स

श्याम धणी जैसा बाबा,
श्याम धणी जैसा।
ना ऐसा दरबार,
और ना ऐसा श्रृंगार,
और ना है लखदातार,
बाबा श्याम धणी जैसा,
ओ बाबा श्याम धणी जैसा,
ना ऐसा दरबार,
और ना ऐसा श्रृंगार,
और ना है लखदातार,
बाबा श्याम धणी जैसा,
ओ बाबा श्याम धणी जैसा।

बाबा मेरे शीश के दानी,
खाटू नगरी में बिराजे,
घर घर में ज्योत जले है,
दुनिया में डंका बाजे,
इनकी महिमा, सबसे न्यारी,
इनकी महिमा, सबसे न्यारी,
पल में भरते भण्डार,
ना ऐसा दरबार,
और ना ऐसा श्रृंगार,
और ना है लखदातार,
बाबा श्याम धणी जैसा,
ओ बाबा श्याम धणी जैसा।

जो हार के खाटू आता,
सीने से उसको लगाते,
दे मोरछड़ी का झाड़ा,
सोइ तक़दीर जगाते,
नाँव थोड़ी सी जो डोले,
कर देते भव से पार,
कर देते भव से पार,
ना ऐसा दरबार,
और ना ऐसा श्रृंगार,
और ना है लखदातार,
बाबा श्याम धणी जैसा,
ओ बाबा श्याम धणी जैसा।

मेरे श्याम से लगन लगा लो,
गुलशन जीवन का खिलेगा,
जो कभी मिला ना, पहले तुमको,
वो सुख भी मिलेगा,
तेरा सोनी कैसे भूले,
तेरा सोनी कैसे भूले,
बाबा तेरे ये उपकार,
ना ऐसा दरबार,
और ना ऐसा श्रृंगार,
और ना है लखदातार,
बाबा श्याम धणी जैसा,
ओ बाबा श्याम धणी जैसा।

श्याम धणी जैसा बाबा,
श्याम धणी जैसा,
ना ऐसा दरबार,
और ना ऐसा श्रृंगार,
और ना है लख़दातार,
बाबा श्याम धणी जैसा,
ओ बाबा श्याम धणी जैसा,
ना ऐसा दरबार,
और ना ऐसा श्रृंगार,
और ना है लखदातार,
बाबा श्याम धणी जैसा,
ओ बाबा श्याम धणी जैसा।
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन

ना ऐसा दरबार बाबा श्याम धणी जैसा | Mere Shyam Dhani Jaisa | Baba Shyam Bhajan by C. Chanchal Bhati

Shyaam Dhani Jaisa Baaba,
Shyaam Dhani Jaisa.
Na Aisa Darabaar,
Aur Na Aisa Shrrngaar,
Aur Na Hai Lakhadaataar,
Baaba Shyaam Dhani Jaisa,
O Baaba Shyaam Dhani Jaisa,
Na Aisa Darabaar,
Aur Na Aisa Shrrngaar,
Aur Na Hai Lakhadaataar,
Baaba Shyaam Dhani Jaisa,
O Baaba Shyaam Dhani Jaisa.
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